_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 48)*_
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_*💫किस पानी से वुजू जाइज़ है और किस से नहीं ?*_
_*📍तम्बीह : - जिस पानी से वुजू जाइज़ है उससे गुस्ल भी जाइज़ और जिससे वुजू नाजाइज है उस से गुस्ल भी नाजाइज है ।*_
_*💫मसअला : - मेंह , नदी , नाले , चश्में , समुन्दर , दरिया , कुँयें , बर्फ और ओले के पानी से वुजू जाइज़ है ।*_
_*💫मसअला : - जिस पानी में कोई चीज़ मिल गई कि बोल चाल में उसे पानी न कहें बल्कि उसका कोई और नाम हो गया जैसे शर्बत या पानी में कोई ऐसी चीज़ डालकर पकायें जिस से मकसूद मैल काटना न हो जैसे शोरबा , चाय , गुलाब या और अर्क उससे वुजू और गुस्ल जाइज़ नहीं।*_
_*💫मसअला : - अगर ऐसी चीज़ मिलायें या मिलाकर पकायें जिस से मकसद मैल काटना हो जैसे साबुन या बेरी के पत्ते तो वुजू जाइज़ है । जब तक पानी का पतलापन बाकी रहे और अगर पानी सत्तू की तरह गाढ़ा हो गया तो वुजू जाइज़ नहीं ।*_
_*💫मसअला : - और अगर पानी में कोई पाक चीज़ मिली जिससे रंग या बू या मज़े में फर्क आ गया मगर उसका पतलापन न गया जैसे रेता , चूना या थोड़ी जाफरान तो वुजू जाइज़ है और जो जाफरान का रंग इतना आ जाये कि कपड़ा रंगने के काबिल हो जाये तो वुजू जाइज़ नहीं यूँही पुड़िया के रंग का हुक्म है और अगर इतना दूध मिलगया कि दूध का रंग गालिब न हुआ तो वुजू जाइज़ है , वरना नहीं । गालिब मगलूब की पहचान यह है कि जब तक यह कहें कि पानी है जिस में कुछ दूध मिल गया तो वुजू जाइज़ है और जब उसे लस्सी कहें तो वुजू नाजाइज़ और अगर पत्ते गिरने या पुराने होने की वजह से रंग बदले तो कुछ हर्ज नहीं लेकिन अगर पत्तों से पानी गाढ़ा हो गया तो उस पानी से वुजू जाइज़ नहीं ।*_
_*💫मसअला : - बहता पानी कि उसमें तिनका डाल दें तो बहा ले जाये वह पानी पाक और पाक करने वाला है । नजासत पड़ने से नापाक न होगा जब तक कि उस नजासत से पानी का रंग , बू और मज़ा न बदले और अगर नजिस चीज़ से रंग या , बू और मजा बदल जाये तो पानी नापाक हो जायेगा । अब यह उस वक़्त पाक होगा कि नजासत नीचे बैठ कर उसके औसाफ ठीक हो जायें या पाक पानी इतना मिले कि नजासत को बहा ले जाये या पानी के रंग , बू और मज़ा ठीक हो जाये और अगर पाक चीज़ ने रंग , मजा और बू को बदल दिया तो उससे वुजू करना और नहाना जाइज है जब तक दूसरी चीज़ न हो जाये ।*_
_*💫मसअला - मुर्दा जानवर नहर की चौडाई में पड़ा हो और उसके ऊपर से पानी बहता है और जो पानी उससे मिल कर बहता है उस से कम है , जो उसके ऊपर से बहता है या ज्यादा है या बराबर हर जगह से वुजू जाइज है यहाँ तक कि किसी वस्फ में तब्दीली न आये ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 39/40*_
_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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