_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 35)*_
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_*🚿 गुस्ल यानी नहाने का बयान 🚿*_
_*📚हदीस न . 10*_
_*. . . . . .✍🏻उम्मुल मोमिनीन सिद्दीका रदियल्लाहु तआला अन्हा ने हम्माम में जाने के बारे में सरकारे मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से पूछा फरमाया औरतों के लिए हम्माम में खेर नहीं । अर्ज की तहबन्द बाँध कर जाती हैं , फरमाया अगर्चे तहबन्द कुर्ते और ओढ़नी के साथ जायें ।*_
_*📚हदीस न . 11*_
_*. . . . . .✍🏻बुखारी और मुस्लिम में रिवायत है कि , उम्मुल , मोमिनीन , उम्मे सुलैम , रदियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि उम्मे सुलैम रदियल्लाहु तआला अन्हा ने अर्ज की कि या रसूलल्लाह । अल्लाह तआला हक बयान करने से हया नहीं फरमाता तो क्या जब औरत को इहतिलाम हो तो उस पर नहाना है ? फरमाया हाँ जबकि पानी ( मनी ) देखे । उम्मे सलमा रदियल्लाह तआला अन्हा ने मुँह ढाँक लिया और अर्ज की कि या रसूलल्लाह ! क्या औरत को इहतिलाम होता है ? फरमाया हाँ ऐसा न हो तो किस वजह से बच्चा माँ की तरह होता है ।*_
_*💫फाइदा : - उम्महातुल मोमिनीन को अल्लाह तआला ने हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु तआला अलाह वसल्लम की खिदमते आलिया में हाज़िरी से पहले भी इहतिलाम से महफूज रखा था इसलिये कि इहतिलाम में शैतान दखल देता है और शैतान की मुदाखिलत से अजवाजे मुतहहरात पाक हैं इसी लिए उनको हजरते उम्मे सुलैम के इस सवाल पर तअज्जुब हुआ ।*_
_*📚हदीस न . 12*_
_*. . . . . .✍🏻अबू दाऊद और तिर्मिज़ी हज़रते आइशा सिद्दीका रदियल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सवाल हुआ कि मर्द तरी पाये और इहतिलाम याद न हो । फरमाया गुस्ल करे और उस आदमी के बारे में पूछा गया कि ख्वाब का यकीन है और तरी ( असर ) नहीं पाता । फरमाया उस पर गुस्ल नहीं । उम्मे सुलैम ने अर्ज की कि औरत तरी को देखे तो उस पर गुस्ल है ? फरमाया हाँ औरतें मर्दो की तरह हैं ।*_
_*📚हदीस न . 13*_
_*. . . . . .✍🏻तिर्मिज़ी में उन्हीं से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि मर्द के खतने की जगह ( हशफा ) औरत के मकाम में गायब हो जाये तो गुस्ल वाजिब हो जायेगा ।*_
_*📚हदीस न . 14*_
_*. . . . . .✍🏻सहीह बुखारी और मुस्लिम में अब्दुल्लाह इब्ने उमर रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत है कि हज़रते उमर रदियल्लाहु तआला अन्हु ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से पूछा कि उनको रात में नहाने की ज़रूरत हो जाती है । फरमाया वुजू कर लो और उज्वे तनासुल ( लिंग ) को धो लो फिर सो रहो ।*_
_*📚हदीस न . 15*_
_*. . . . . .✍🏻बुखारी और मुस्लिम में आइशा सिद्दीका रदियल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत है कि फरमाती हैं कि नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वस्सलम को जब नहाने की ज़रूरत होती और खाने या सोने का इरादा करते तो नमाज़ की तरह वुजू करते ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 28/29*_
_*📍बाकि अगले पोस्ट में।*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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