_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 36)*_
―――――――――――――――――――――
_*🚿 गुस्ल यानी नहाने का बयान 🚿*_
_*📚हदीस न . 16*_
_*. . . . . .✍🏻मुस्लिम में अबू सईद खुदरी रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि जब तुम में कोई अपनी बीवी के पास जाकर दोबारा जाना चाहे तो वुजू कर ले ।*_
_*📚हदीस न . 17*_
_*. . . . . .✍🏻तिर्मिज़ी इब्ने उमर रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत करते हैं कि रसुलुल्लाह सल्ल ल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि हैज़ वाली और जुनुबी औरतें कुर्आन में से कुछ न पढ़ें ।*_
_*📚हदीस न . 18*_
_*. . . . . .✍🏻अबू दाऊद ने उम्मुल मोमिनीन सिद्दीका रदियल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत की कि हुजूर अकदस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि उन घरों का रुख मस्जिद से फेर दो कि मैं मस्जिद को हैज़ वाली और जुनुबी ( जिनको नहाने की ज़रूरत हो ) औरतों के लिये हलाल नहीं करता ।*_
_*📚हदीस न . 19*_
_*. . . . . .✍🏻अबू दाऊद ने हज़रते अली रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि मलाइका उस घर में नहीं जाते जिस घर में तस्वीर , कुत्ता और जुनुबी हों ।
_*📚हदीस न . 20*_
_*. . . . . .✍🏻अम्मार इब्ने यासिर रदियल्लाहु तआला अन्हुमा से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि फरिश्ते तीन शख्सों से करीब नहीं*_
_*1 . काफिर का मुर्दा*_
_*2 . खुलूक ( यह एक तरह की खुश्बू जाफरान से बनाई जाती है ) जो मर्दो को हराम है*_
_*3 . और जुनुबी मगर यह कि वुजू कर ले ।*_
_*📚हदीस न . 21*_
_*. . . . . .✍🏻इमामे मालिक ने रिवायत की कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जो खत अम्र इब्ने हज्म को लिखा था कि कुर्आन न छुए मगर पाक शख्स ।*
_*📚हदीस न . 22*_
_*. . . . . .✍🏻इमाम बुखारी और इमामे मुस्लिम ने इब्ने उमर रदियल्लाहु तआला अन्हमा । रिवायत की कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो जुमे को आए चाहिए कि वह गुस्ल कर ले ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 29/30*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment