Tuesday, April 28, 2020

  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 34)*_
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_*🚿 गुस्ल यानी नहाने का बयान 🚿*__

_*📚हदास न . 4*_

               _*. . . . . .✍🏻 इमाम मुस्लिम ने उम्मुल मोमिनीन उम्मे सलमा रदियल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत की फरमाती हैं कि मैंने अर्ज की या रसूलल्लाह मैं अपने सर की चोटी मजबूत गूंधती हूँ तो क्या गुस्ले जनाबत के लिए उसे खोल डालूँ । फरमाया नहीं तुझको यही किफायत करता है कि सर पर तीन लप पानी डाल ले फिर अपने ऊपर पानी बहा ले पाक हो जायेगी यानी जब कि बालों की जड़े तर हो जायें और अगर इतनी सख्त गुंधी हों कि जड़ों तक पानी न पहूँचे तो खोलना फर्ज है ।*_

_*📚हदीस न . 5*_

                _*. . . . . .✍🏻अबू दाऊद  इब्ने माजा और तिर्मिजी अबू हुरैरह रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि हर बाल के नीचे जनाबत है तो बाल धोओ और जिल्द को साफ करो ।*_

 _*📚हदीस न . 6*_

                _*. . . . . .✍🏻 और अबू दाऊद ने हज़रते अली रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जो शख्स गुस्ले जनाबत में एक बाल की जगह बे धोये छोड़ देगा आग से ऐसे - ऐसा किया जायेगा ( यानी अजाब दिया जायेगा ) हज़रते अली फरमाते हैं कि इसी वजह से मैंने अपने सर के साथ दुश्मनी कर ली तीन बार यही फरमाया यानी सर के बाल मुंडा डाले कि बालों की वजह से कोई जगह सूखी न रह जाये ।*_

_*📚हदीस न . 7*_

               _*. . . . . .✍🏻असहाबे सुनने अरबआ ने उम्मुल मोमिनीन सिद्दीका रदियल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत की है कि नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम गुस्ल के बाद वुजू नहीं फरमाते ।*_

_*📚हदीस न . 8*_

               _*. . . . . .✍🏻अबू दाऊद ने हज़रते याला रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत की कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने एक आदमी को मैदान में नहाते देखा फिर मिम्बर पर तशरीफ ले जाकर अल्लाह , की हम्द और सना के बाद फरमाया कि अल्लाह तआला हया फरमाने वाला और पर्दापोश है हया और पर्दा करने को दोस्त रखता है जब तुम में कोई नहाये तो उसे पर्दा करना लाज़िम है ।*_

 _*📚हदीस न . 9*_

                _*. . . . . .✍🏻बहुत सी किताबों में बहुतेरे सहाबए किराम से रिवायत है कि हुजूरे अकदस अलैहिस्सलातु वस्सलाम फ़रमाते हैं कि जो अल्लाह और पिछले दिन ( कियामत ) पर ईमान लाया हम्माम में बगैर तहबन्द के न जाये और जो अल्लाह और पिछले दिन पर ईमान लाया अपनी बीवी को हम्माम में न भेजे ।*_

_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 28*_

_*📍बाकि अगले पोस्ट में।*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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