_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 83)*_
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_*✨मसह किन चीज़ों से टूटता है*_
_*💫1: मसअला : - जिन चीज़ों से वुजू टुटता है उनसे मसह भी जाता रहता है ।*_
_*💫2: मसअला : - मुद्दत पूरी हो जाने से मसह जाता रहता है और इस सूरत में अगर वुजू है तो सिर्फ पाँव धो लेना काफी है फिर से पूरा वुजू करने की ज़रूरत नहीं और अच्छा यह है कि पूरा वुजू कर ले ।*_
_*💫3: मसअला : - मसह की मुद्दत पूरी हो गई और कवी अन्देशा है कि मौजे उतारने में सर्दी के सबब पाँव जाते रहेंगे तो न उतारे और टखनों तक पूरे मौज़े का ( नीचे , ऊपर अगल बगल और एड़ियों पर ) मसह करे कि कुछ न रह जाये ।*_
_*💫4: मसअला : - मोज़े उतार देने से मसह टूट जाता है अगर्चे एक ही उतारा हो ।*_
_*💫5: मसअला : - ऐसे ही अगर एक पाँव आधे से ज्यादा मोज़े से बाहर हो जाये तो मसह जाता रहता है । मोज़ा उतारने या पाँव का ज्यादा हिस्सा बाहर होने में पाँव का वह हिस्सा मोतबर है जो गट्टा से पंजों तक है और पिंडली का एअतेबार नहीं इन दोनों सूरतों में पाँव का धोना फर्ज है ।*_
_*💫6: मसअला : - मोज़ा ढीला है कि चलने से एड़ी निकल जाती है तो मसह नहीं जाता हाँ अगर उतारने की नियत से बाहर की तो टूट जाता है ।*_
_*💫7: मसअला : - मोजे पहन कर पानी में चला कि एक पाँव का आधे से ज्यादा हिस्सा धुल गया या और किसी तरह से मोज़े में पानी चला गया और आधे से ज्यादा पाँव धुल गया तो मसह जाता रहा ।*_
_*💫8: मसअला : - पायताबों पर इस तरह मसह किया कि मसह की तरी मोजों तक पहुँची तो पायताबों के उतारने से मसह नहीं जायेगा ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 64/65*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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