_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 84)*_
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_*💦वुजू के अअजा पर मसह करने के मसाइल*_
_*💫मसअला : - वुजू के आज़ा अगर फट गये हों या उनमें फोड़ा या और कोई बीमारी हो और उन पर पानी बहाना नुकसान करता हो या सख्त तकलीफ होती हो तो भीगा हाथ फेर लेना काफी है और अगर यह भी नुकसान करता हो तो उस पर कपड़ा डालकर कपड़े पर मसह करे और अगर इससे भी तकलीफ़ है तो माफ है और अगर उसमें कोई दवा भर ली हो तो उसका निकालना जरूरी नहीं बल्कि उस पर से पानी बहा देना काफी है ।*_
_*💫मसअला : - किसी फोड़े या जख्म या फस्द की जगह पर पट्टी बाँधी हो कि उसको खोल कर पानी बहाने से या उस जगह मसह करने से या खोलने से नुकसान हो या खोलने वाला बाँधने वाला न हो तो उस पट्टी पर मसह कर ले और अगर पट्टी खोल कर पानी बहाने में नुकसान न हो तो धोना जरूरी है या खुद उज्व पर मसह कर सकते हों तो पट्टी पर मसह करना जाइज़ नहीं और अगर ज़ख्म के आस पास पानी बहाना नुकसान न करता हो तो धोना ज़रूरी है नहीं तो उस पर मसह कर लें और पूरी पट्टी पर मसह कर लें तो अच्छा है और अक्सर हिस्से पर ज़रूरी है और एक बार मसह काफी है तकरार की ज़रूरीत नहीं और अगर पट्टी पर भी मसह न कर सकते हों तो खाली छोड़ दें जब इतना आराम हो जाये कि पट्टी पर मसह करना नुकसान न करे तो फौरन मसह कर लें फिर जब इतना आराम हो जाये कि पट्टी पर से पानी बहाने में नुकसान न हो तो पानी बहायें फिर जब इतना आराम हो जाये कि खास उज्व पर मसह कर सकता हो तो फौरन पट्टी खोल कर मसह कर ले फिर जब इतनी सेहत हो जाये कि उज्व पर पानी बहा सकता हो तो पट्टी खोल कर पानी बहाये । गर्ज आला पर जब कुदरत हासिल हो और जितनी हासिल होती जाये अदना पर इक्तिफा जाइज़ नहीं यानी अगर पानी बहाने लाइक ज़ख़्म ठीक हो जाए तो पानी बहाए मसह जाइज़ नहीं ।*_
_*💫मसअला : - हड्डी के टूट जाने से तख्ती बाँधी गई हो तो उसका भी यही हुक्म है ।*_
_*💫मसअला : - तख्ती या पट्टी खुल जाये और अभी बाँधने की ज़रूरत हो तो फिर दोबारा मसह नहीं किया जायेगा बल्कि वही पहला मसह काफी है और जो फिर बाँधने की ज़रूरत न हो तो मसह टूट गया अब उस जगह को धो सके तो धो लें नहीं तो मसह कर लें ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 65*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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