Wednesday, April 29, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 71)*_
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               _*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_

_*👉3 . दोनों हाथों का कुहनियों समेत मसह करना*_

_*💫56: मसअला : - इसमें भी ध्यान रहे कि दोनों हाथों की ज़री बराबर कोई जगह बाकी न रहे नहीं तो तयम्मुम न होगा ।*_

_*💫57: मसअला : - अगर अँगूठी छल्ले पहने हो तो उन्हें उतार कर उनके नीचे हाथ फेरना फर्ज है । औरतों को इसमें ध्यान देना चाहिये कंगन , चूड़ियाँ , और जितने ज़ेवर औरत हाथ में पहने हों सब को हटाकर या उतार कर जिस्म के हर हिस्से पर हाथ पहुँचाये । इसकी एहतेयात वुजू से बढ़कर है । हाँ तयम्मुम में सर और पाँव को मसह नहीं है ।*_

_*💫58: मसअला : - एक ही बार हाथ मार कर मुँह और हाथों पर मसह कर लिया तो तयम्मुम न हुआ । हाँ अगर एक हाथ से सारे मुँह का का मसह किया और दूसरे से एक हाथ का और एक हाथ जो बच रहा है उसके लिए फिर हाथ मारा और उस पर मसह कर लिया तो हो गया मगर सुन्नत के खिलाफ है ।*_

_*💫59: मसअला : - जिस आदमी के दोनों हाथ या एक पहुँचे से कटा हो तो कुहनियों तक जितना बाकी रह गया उस पर मसह करे और अगर कुहनियों से ऊपर तक कट गया तो उसे बाकी हाथ पर मसह करने कि जरूरत नहीं फिर भी अगर उस जगह पर जहाँ से कट गया है मसह कर ले तो बेहतर है ।*_

_*💫60: मसअला : - कोई लुंजा है या उसके दोनों हाथ कटे हैं और कोई ऐसा नहीं जो उसे तयम्मुम करा दे तो वह अपने हाथ और गाल जहाँ तक मुमकिन हो सके ज़मीन या दीवार से मस करे यानी छुआ कर नमाज पढ़े मगर वह ऐसी हालत में इमामत नहीं कर सकता । हाँ अगर उस जैसा कोई और भी है तो वह उसकी इमामत कर सकता है ।*_

_*💫61: मसअला : - तयम्मुम के इरादे से जमीन पर लोटा और मुँह और हाथों पर जहाँ तक जरूरी है हर जर्रें पर गर्द लग गई तो तयम्मुम हो गया वर्ना नहीं और इस सूरत में मुँह और हाथों पर हाथ फेर लेना चाहिए ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 56//57*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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