Tuesday, April 28, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 37)*_
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_*🚿गुस्ल के मसाइल 👉🏻(भाग 1)*_

_*💫गुस्ल के फर्ज होने के असबाब बाद में लिखे जायेंगे , पहले गुस्ल की हकीकत बयान की जाती है गुस्ल के तीन जुज हैं अगर उनमें से एक में भी कमी हुई गुस्ल न होगा चाहें यूँ कहो कि गुस्ल के तीन फर्ज हैं ।*_

 _*👉🏻1 . कुल्ली करना : - मुँह के हर पुर्जे गोशे होंट से हल्क की जड़ तक हर जगह पानी बह जाये अक्सर लोग यह जानते हैं कि थोड़ा सा पानी मुँह में लेकर उगल देने को कुल्ली कहते हैं अगर्च जुबान की जड़ और हल्क के किनारे तक न पहुँचे । ऐसे गुस्ल न होगा न इस तरह नहाने के बाद नमाज़ जाइज बल्कि फर्ज है कि दाढ़ों के पीछे गालों की तह में दाँतों की जड़ और खिड़कियों में जुबान की हर करवट में हल्क के किनारे तक पानी बहे ।*_

_*💫मसअला : - दाँतों की जड़ों या खिड़किये में कोई ऐसी चीज़ जमी हो जो पानी बहने से रोके तो उसका छुड़ाना ज़रूरी है अगर छुड़ाने में नुकसान न हो जैसे छालियों के दाने , गोश्त के रेशे और अगर छुड़ाने में नुकसान और हर्ज हो जैसे बहुत पान खाने से दाँतों की जड़ों में चुना जम जाता है या औरतों के दाँतों में मिस्सी की रेखें कि उनके छीलने में दाँतों या मसूढ़ों के नुकसान का ख़तरा है तो माफ है ।*_

_*💫मसअला : - ऐसे ही हिलता हुआ दाँत तार से या उखड़ा हुआ दाँत किसी मसाले वगैरा से जमाया गया और पानी तार , या मसाले के नीचे न बहे तो मुआफ है या खाने या पान के रेसे दांत में रह गये कि उसकी निगहदाश्त ( देख रेख ) में हरज़ है , हाँ मालूम होने के बाद उसको जुदा करना और धोना जरूरी है जब कि उनकी वजह से पानी पहुँचने में रुकावट हो ।*_

_*👉🏻2 . नाक में पानी डालना : - यानी दोनों नथनों में जहाँ तक नर्म जगह है धुलना , कि पानी को सूंघ कर ऊपर चढ़ाये बाल बराबर भी धुलने से न रह जाये , नहीं तो गुस्ल नहीं होगा अगर नाक के अन्दर रेंठ सूख गई है तो उसका छुड़ाना फ़र्ज़ है ।*_

_*💫मसअला : - बुलाक का सूराख अगर बन्द न हो तो उसमें पानी पहुँचाना ज़रूरी है फिर अगर तंग है तो बुलाक का हिलाना ज़रूरी है वर्ना नहीं ।*_

_*👉🏻3 . तमाम बदन पर पानी बहाना : - यानी सर के बालों से पाँवों के तलवों तक जिस्म के हर पुज्रे हर रोंगटे पर पानी बह जाना फर्ज है । अकसर लोग बल्कि कुछ पढ़े लिखे लोग यह करते हैं और समझते हैं कि गुस्ल हो गया हालाँकि कुछ उज्व ऐसे हैं कि जब तक उनकी खास तौर पर इहतियात न कीजिए तो नहीं धुलेंगे और गुस्ल न होगा लिहाजा तफसील से बयान किया जाता है ।*_

_*🌟वुजू के उज्वों में एहतियात की जो जगहें हैं हर उज्व के बयान में उनका ज़िक्र कर दिया गया है उनका गुस्ल में भी लिहाज़ ज़रूरी है और उनके अलावा गुस्ल की खास बातें नीचे लिखी जाती हैं ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 30/31*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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