_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 44)*_
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_*💫गुस्ल किन चीजों से फर्ज होता है ? 👉🏻(भाग 4)*_
_*💫मसअला : - पानी में मुसलमान का मुर्दा मिला उसका भी नहलाना फर्ज है फिर अगर निकालने वाले ने गुस्ल के इरादे से मुर्दे को निकालते वक़्त गोता दिया तो गुस्ल हो गया नहीं तो अब नहलायें ।*_
_*💫मसअला : - पाँच वक्तों में नहाना सुन्नत है :*_
_*1 जुमा*_
_*2 . ईद*_
_*3 बकरईद*_
_*4 . अरफे के दिन ।एहराम बाँधते वक़्त । इन सब के लिए नहाना मुस्तहब है ।*_
_*1 . मैदाने अरफ़ात में ठहरने के वक़्त*_
_*2 . मुजदलफा में ठहरने के वक़्त*_
_*3 . हरम शरीफ में हाज़िरी के लिए*_
_*4 . हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रौजे पर हाजिरी के लिए*_
_*5 . तवाफ के वक़्त*_
_*6 . मिना में दाखिल होने के लिए*_
_*7 . जमरों पर कंकरियाँ मारने के लिये ( तीनों दिन )*_
_*8 . शबेबरात में*_
_*9 . शबे कद्र में*_
_*10 . अरफे की रात में*_
_*11 . मीलाद शरीफ की मजलिस के लिये ।*_
_*12 . दूसरी नेक मजलिसों में हाज़िर होने के लिये*_
_*13 . मुर्दा नहलाने के बाद*_
_*14 . पागल के पागलपन जाने के बाद*_
_*15 . बेहोशी से फायदे के बाद*_
_*16 . नशा जाते रहने के बाद*_
_*17 . गुनाह से तौबा करने लिए*_
_*18 . नया कपड़ा पहनने के लिए*_
_*19 . सफर से आने वाले के लिए*_
_*20 . इस्तेहाजा का खून बन्द होने के बाद*_
_*21 . नमाजे कुसूफ़*_
_*22 . नमाजे खुसूफ*_
_*23 . नमाजे इस्तिस्का*_
_*24 . नमाजे खौफ*_
_*25 . अंधेरी*_
_*26 . सख्त आँधी के लिए*_
_*27 . और अगर बदन पर नजासत लगी और यह पता न चल सका कि नजासत किस जगह है तो इन तमाम सूरतों में गुस्ल मुस्तहब है ।*_
_*💫मसअला : - हज करने वाले पर दसवीं ज़िलहिज्जा को पाँच गुस्ल हैं ।*_
_*1 . मुजदलफा में ठहरने*_
_*2 . मिना में दाखिल होने*_
_*3 . जमरे पर कंकरियाँ मारने*_
_*4 . मक्के में दाखिल होने*_
_*5 . और कबा शरीफ के तवाफ करने के लिए गुस्ल है जबकि न . 3 , 4 , और 5 . यह तीन पिछले काम भी दसवीं ही को करें और जुमे का दिन है तो जुमे का गुस्ल करें ऐसे ही अगर अरफ़ा या ईद जुमे के दिन पड़े तो यहाँ वालों पर दो गुस्ल होंगे ।*_
_*💫मसअला : - जिस पर चन्द गुस्ल हों सब की नियत से एक गुस्ल कर लिया तो सब अदा हो जायेंगे और सबका सवाब मिलेगा ।*_
_*💫मसअला : - अगर औरत पर नहाना ज़रूरी हो और उसने अभी गुस्ल नहीं किया है और इसी बीच उसे हैज़ शुरू हो गया तो चाहे अब नहा ले या हैज़ खत्म होने के बाद नहाये उसे इख्तियार है ।*_
_*💫मसअला : - अगर किसी पर गुस्ल वाजिब हो और वह जुमा या ईद के दिन नहाया और जुमा और ईद वगैरा की नियंत कर ली तो सब अदा हो गये और उसी गुस्ल से जुमे और ईद की नमाज़ पढ़ सकता है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 36*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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