Tuesday, April 28, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 43)*_
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_*💫गुस्ल किन चीजों से फर्ज होता है ? 👉🏻(भाग 3)*_

_*💫मसअला : - औरत की रान में जिमा किया और इन्जाल के बाद मनी फर्ज में गई या कुँवारी से जिमा किया और इन्जाल भी हो गया मगर बुकारत का पर्दा जाइल नहीं हुआ तो औरत पर नहाना वाजिब नहीं । हाँ अगर औरत के हमल रह जाये तो अब गुस्ल वाजिब होने का हुक्म है और मुजामअत के वक़्त से जब तक गुस्ल नहीं किया है उस पर तमाम नमाज़ों का दोहराना जरूरी है ।*_

_*💫मसअला : - औरत ने अपनी फर्ज में उंगली या जानवर या मुर्दे का ज़कर या और कोई चीज़ रबड़ या मिट्टी वगैरा की कोई चीज़ ज़कर की तरह बनाकर डाली तो जब तक मनी न निकले गुस्ल वाजिब नहीं । अगर जिन्न आदमी की शक्ल बनकर आया और औरत से जिमा किया तो हश्फे के गायब होने ही से गुस्ल वाजिब होगया । आदमी की शक्ल पर नहो तो जब तक औरत को इन्जाल न हो गुस्ल वाजिब नहीं यूँही अगर मर्द ने परी से जिमा किया और वह उस वक़्त इन्सानी शक्ल में नहीं तो बगैर इन्जाल गुस्ल वाजिब नहीं होगा और अगर इन्सानी शक्ल में है तो सिर्फ हश्फा गायब होने से गुस्ल वाजिब हो जायेगा ।*_

_*💫मसअला : - जिमा के गुस्ल के बाद औरत के बदन से मर्द की बाकी मनी निकली तो उससे गुस्ल वाजिब नहीं होगा अलबत्ता वुजू जाता रहेगा ।*_

_*🌟फायदा : - इन तीनों वजहों से जिस पर नहाना फर्ज हो उसको जुनुब और उन असबाब ( वजहों ) को जनाबत कहते हैं ।*_

 _*👉🏻4 : - हैज से फारिग होना।*_

_*👉🏻5 : - निफास का खत्म होना ।*_

_*💫मसअला : - बच्चा पैदा हुआ और खून बिल्कुल न आया तो सही यह है कि गुस्ल वाजिब है हैज़ और निफास की तफसील हैज़ के बयान में आयेगी इन्शाअल्लाह ।*_

_*💫मसअला : - काफिर मर्द और औरत पर नहाना ज़रूरी था इसी हालत में दोनों मुसलमान हुए तो सही यह है कि उन पर गुस्ल वाजिब है हाँ अगर इस्लाम लाने से पहले गुस्ल कर चुके हों या किसी तरह तमाम बदन पर पानी बह गया हो तो सिर्फ नाक में बांसे तक पानी चढ़ाना काफी है क्यूँकि यही वह चीज़ है जो काफिरों से अदा नहीं होती , पानी के बड़े - बड़े चूंट पीने से कुल्ली का फर्ज अदा हो जाता है और अगर यह भी बाकी रह गया हो तो उसे भी करे । गर्ज जितने आज़ा का गुस्ल में धुलना फर्ज है , जिमा वगैरा असबाब के बाद अगर वह सब कुफ्र की हालत में ही धुल चुके थे तो इस्लाम के बाद दोबारा गुस्ल करना ज़रूरी नहीं वर्ना जितना हिस्सा बाकी हो उतने को धोलेना फर्ज है और मुस्तहब तो यह है कि इस्लाम के बाद पूरा गुस्ल करे ।*_

_*💫मसअला : - मुसलमान मय्यत का नहलाना मुसलमानों पर फर्जे किफाया है अगर एक ने नहला दिया तो सब के सर से उतर गया और अगर किसी ने नहीं नहलाया तो सब गुनाहगार होंगे ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 35*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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