_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 79)*_
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_*✨मोज़ो पर मसह के मसाइल*_
_*💫1: मसअला : - जिस पर नहाना फर्ज़ है वह मोज़ों पर मसह नहीं कर सकता ।*_
_*💫2: मसअला : - औरतें भी मसह कर सकती हैं । मसह करने के लिए कुछ शर्ते है ।*_
_*1 . मोज़े ऐसे हों कि टखने छुप जायें इससे ज्यादा होने की ज़रूरत नहीं और अगर दो एक उंगल कम हों जब भी मसह दुरुस्त है एड़ी खुली हुई न हो ।*_
_*2 . मोज़ा पाँव से चिपटा हो कि उसको पहन कर आसानी के साथ खुब चल फ़िर सकें ।*_
_*3 . मोज़ा चमड़े का हो या सिर्फ तला चमड़े का और बाकी किसी और मोटी चीज़ का जैसे किरमिच वगैरा ।*_
_*💫4: मसअला : - हिन्दुस्तान में आम तौर पर जो सूती या ऊनी मोज़े पहने जाते हैं उन पर मसह जाइज नहीं , उनको उतार कर पाँव धोना फर्ज है ।*_
_*4 . मोज़ा वुजू करके पहना हो यानी पहनने के बाद और हदस से पहले एक ऐसा वक़्त हो कि उस वक़्त में वह शख्स बा - वुजू हो ख्वाह पूरा वुजू कर के पहने या सिर्फ पाँव धोकर पहने और बाद में वुजू पूरा कर ले ।*_
_*💫5: मसअला : - अगर पाँव धोकर मोज़े पहन लिये और हदस से पहले मुँह हाथ धो लिया और सर का मसह कर लिया तो भी मसह जाइज़ है और अगर सिर्फ पाँव धोकर पहने और पहनने के बाद वुज पूरा किया और हदस हो गया तो अब वुजू करते वक़्त मसह जाइज़ नहीं ।*_
_*💫6: मसअला : - बे - वुजू मोज़ा पहन कर पानी में चला कि पाँव धुल गये अब अगर हदस से पहले वुजू के दूसरे उज्व धो लिये और सर का मसह कर लिया तो मसह जाइज़ है वर्ना नहीं ।*_
_*💫7: मसअला : - वुजू करके एक ही पाँव में मोज़ा पहना और दूसरा न पहना यहाँ तक कि हदस हुआ तो उस एक पर भी मसह जाइज़ नहीं दोनों पाँव का धोना फर्ज है ।*_
_*💫8: मसअला : - तयम्मुम करके मोज़े पहने गये तो मसह जाइज़ नहीं ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 62*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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