_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 51)*_
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_*💫मसअला : - कोई हौज़ ऐसा है कि ऊपर से तंग और नीचे से कुशादा है यानी ऊपर दह - दर - दह नहीं और नीचे दह - दर - दह या ज्यादा है अगर ऐसा हौज भरा हुआ हो और नजासत पड़े तो नापाक है । उसका पानी घट गया और वह दह - दर - दह हो गया तो पाक है ।*_
_*💫मसअला : - हुक्के का पानी पाक है अगर्चे उसके रंग , बू और मज़े में तब्दीली आजाये उस से वुजू जाइज़ है । किफायत की मिकदार उस के होते हुए तयम्मुम जाइज़ नहीं जैसे सारा वुजू कर लिया और एक पाँव धोना बाकी है कि पानी ख़त्म होगया और हुक्के में पानी इतना मौजूद है कि उस पाँव को धोसकता है तो उसे तयम्मुम जाइज़ नहीं मंगर वुजू करने के बाद अगर उज्व में बू आगई तो जब तक बू जाती न रहे मस्जिद में जाना मना है और वक़्त में गुन्जाइश हो तो इतना रूक कर नमाज पढ़े कि वह उड़ जाये उस से वुजू करने का हुक्म उस वक़्त दिया गया कि दूसरा पानी न हो बिला ज़रूरत उस से वुजू करना न चाहिए ।*_
_*💫मसअला : - जो पानी वुजू या गुस्ल करने में बदन से गिरा वह पाक है मगर उस से वुजू या गुस्ल जाइज़ नहीं ऐसे ही अगर बे वुजू शख्स का हाथ या उंगली या पोरा या नाखून या बदन का कोई टुकड़ा जो वुजू में धोया जाता हो इरादे या बगैर इरादा दह - दर - दह से कम पानी में बे धोये हा पड़ जाये तो वह पानी वुजू और गुस्ल के लाइक न रहा इसी तरह जिस पर नहाना फर्ज है उसके जिस्म का कोई बे धुला हुआ हिस्सा पानी से छू जाये तो वह पानी वुजू और गुस्ल के काम का न रहा अगर धुला हुआ हाथ या बदन का कोई हिस्सा पड़ जाये तो हर्ज नहीं ।*_
_*💫मसअला : - अगर हाथ धुला हुआ है मगर फिर धोने की नियत से डाला और यह धोना सवाब की काम हो जैसे खाने के लिए या वुजू के लिए तो यह पानी मुस्तअमल ( इस्तेमाल किया हुआ ) होगया यानी वुजू के काम का न रहा और उस पानी को पीना भी मकरूह है ।*_
_*💫मसअला : - अगर ज़रूरत से हाथ पानी में डाला जैसे पानी बड़े बर्तन में है कि उसे झुका नहीं सकता न कोई छोटा बर्तन है कि उस से निकाले तो ऐसी सूरत में ज़रूरत भर हाथ पानी में डाल कर उस से पानी निकाले या कुँए में रस्सी डोल गिर गया और बे घुसे नहीं निकल सकता और पानी भी नहीं कि हाथ पाँव धोकर घुसे तो इस सूरत में अगर पाँव डालकर रस्सी निकालेगा तो पानी मुस्तमल न होगा इस मसला को बहुत कम लोग जानते हैं लोगों को जानना चाहिए ।*_
_*💫मसअला : - इस्तेमाल किया हुआ पानी अगर बिना इस्तेमाल किये हुए पानी में मिल जाये जैसे वुजू या गुस्ल करते वक़्त पानी के कतरे लोटे या घड़े में टपकें तो अगर अच्छा पानी ज्यादा है तो यह वुजू और गुस्ल के काम का है वर्ना सब बेकार हो गया ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 41/42*_
_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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_*💫मसअला : - कोई हौज़ ऐसा है कि ऊपर से तंग और नीचे से कुशादा है यानी ऊपर दह - दर - दह नहीं और नीचे दह - दर - दह या ज्यादा है अगर ऐसा हौज भरा हुआ हो और नजासत पड़े तो नापाक है । उसका पानी घट गया और वह दह - दर - दह हो गया तो पाक है ।*_
_*💫मसअला : - हुक्के का पानी पाक है अगर्चे उसके रंग , बू और मज़े में तब्दीली आजाये उस से वुजू जाइज़ है । किफायत की मिकदार उस के होते हुए तयम्मुम जाइज़ नहीं जैसे सारा वुजू कर लिया और एक पाँव धोना बाकी है कि पानी ख़त्म होगया और हुक्के में पानी इतना मौजूद है कि उस पाँव को धोसकता है तो उसे तयम्मुम जाइज़ नहीं मंगर वुजू करने के बाद अगर उज्व में बू आगई तो जब तक बू जाती न रहे मस्जिद में जाना मना है और वक़्त में गुन्जाइश हो तो इतना रूक कर नमाज पढ़े कि वह उड़ जाये उस से वुजू करने का हुक्म उस वक़्त दिया गया कि दूसरा पानी न हो बिला ज़रूरत उस से वुजू करना न चाहिए ।*_
_*💫मसअला : - जो पानी वुजू या गुस्ल करने में बदन से गिरा वह पाक है मगर उस से वुजू या गुस्ल जाइज़ नहीं ऐसे ही अगर बे वुजू शख्स का हाथ या उंगली या पोरा या नाखून या बदन का कोई टुकड़ा जो वुजू में धोया जाता हो इरादे या बगैर इरादा दह - दर - दह से कम पानी में बे धोये हा पड़ जाये तो वह पानी वुजू और गुस्ल के लाइक न रहा इसी तरह जिस पर नहाना फर्ज है उसके जिस्म का कोई बे धुला हुआ हिस्सा पानी से छू जाये तो वह पानी वुजू और गुस्ल के काम का न रहा अगर धुला हुआ हाथ या बदन का कोई हिस्सा पड़ जाये तो हर्ज नहीं ।*_
_*💫मसअला : - अगर हाथ धुला हुआ है मगर फिर धोने की नियत से डाला और यह धोना सवाब की काम हो जैसे खाने के लिए या वुजू के लिए तो यह पानी मुस्तअमल ( इस्तेमाल किया हुआ ) होगया यानी वुजू के काम का न रहा और उस पानी को पीना भी मकरूह है ।*_
_*💫मसअला : - अगर ज़रूरत से हाथ पानी में डाला जैसे पानी बड़े बर्तन में है कि उसे झुका नहीं सकता न कोई छोटा बर्तन है कि उस से निकाले तो ऐसी सूरत में ज़रूरत भर हाथ पानी में डाल कर उस से पानी निकाले या कुँए में रस्सी डोल गिर गया और बे घुसे नहीं निकल सकता और पानी भी नहीं कि हाथ पाँव धोकर घुसे तो इस सूरत में अगर पाँव डालकर रस्सी निकालेगा तो पानी मुस्तमल न होगा इस मसला को बहुत कम लोग जानते हैं लोगों को जानना चाहिए ।*_
_*💫मसअला : - इस्तेमाल किया हुआ पानी अगर बिना इस्तेमाल किये हुए पानी में मिल जाये जैसे वुजू या गुस्ल करते वक़्त पानी के कतरे लोटे या घड़े में टपकें तो अगर अच्छा पानी ज्यादा है तो यह वुजू और गुस्ल के काम का है वर्ना सब बेकार हो गया ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 41/42*_
_*📍बाकी अगले पोस्ट में*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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