Wednesday, April 29, 2020



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 69)*_
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               _*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_

_*💫41: मसअला : - तयम्मुम में तीन फर्ज हैं ।*_

_*👉1: नियत करना : - अगर किसी ने हाथ मिट्टी पर मार कर मुँह और हाथों पर फेर लिया और नियत न की तयम्मुम न होगा ।*_

_*💫42: मसअला : - काफिर ने इस्लाम लाने के लिये तयम्मुम किया तो उससे नमाज़ जाइज नहीं कि वह उस वक़्त तयम्मुम के अहल नहीं था अगर वह पानी पर कुदरत नहीं रखता तो सिरे से तयम्मुम करे ।*_

_*💫43: मसअला : - नमाज़ उस तयम्मुम से जाइज़ होगी जो पाक होने की नियत या किसी ऐसी इबादते मकसूदा ( इरादा की हुई किसी ऐसी इबादत ) के लिए किया गया हो जो बिना पाकी के जाइज न हो तो अगर मस्जिद में जाने , या निकलने या कुनि मजीद छूने या अज़ान और इकामत ( यह सब इबादते मकसूदा नहीं ) या सलाम करने या सलाम के जवाब देने या कब्रों की जियारत या मय्यत के दफन करने या बे वुजू ने कुर्आन मजीद पढ़ने ( इन सब के लिए तहारत शर्त नहीं ) के लिए तयम्मुम किया हो तो उससे नमाज़ ' जाइज़ नहीं बल्कि जिस काम के लिये तयम्मुम किया गया है उसके अलावा कोई इबादत भी जाइज़ नहीं ।*_

_*💫44: मसअला : - जुनुब ने कुर्आन मजीद पढ़ने के लिये तयम्मुम किया हो तो उससे नमाज़ पढ़ सकता है और अगर किसी ने सजदए शुक्र की नियत से तयम्मुम किया तो उससे नमाज़ न होगी दूसरे को तयम्मुम का तरीका बताने के लिये जो तयम्मुम किया उससे भी नमाज़ जाइज़ नहीं ।*_

_*💫45: मसअला : - नमाज़े जनाजा या ईदैन या सुन्नतों के लिए इस गर्ज से तयम्मुम हो कि वुजू करेगा तो यह नमाजें फौत हो जायेंगी तो इस तयम्मुम से उस खास नमाज के सिवा कोई दूसरी नमाज़ जाइज़ नहीं ।*_

_*💫46: मसअला : - नमाज़े जनाज़ा या ईदैन के लिए तयम्मुम इस तरह से किया कि बीमार था या पानी मौजूद न था तो उससे फर्ज़ और दूसरी इबादतें सब जाइज हैं ।*_

_*💫47: मसअला : - सजदए तिलावत के तयम्मुम से भी नमाजे जाइज़ हैं ।*_

_*💫48: मसअला : - जिस पर नहाना फर्ज है उसे यह जरूरी नहीं कि गुस्ल और वुजू दोनों के लिये दो तयम्मुम करे बल्कि एक ही में दोनों की नियत कर ले दोनों हो जायेंगे और अगर सिर्फ गुस्ल या वुजू की नियत की जब भी काफी है ।*_

_*💫49: मसअला : - बीमार या बिना हाथ पैर वाला अगर अपने आप तयम्मुम नहीं कर सकता तो उसे कोई दूसरा आदमी तयम्मुम करा दे और उस वक़्त तयम्मुम कराने वाले नियत का एअतेबार नहीं बल्कि अस्ल नियत उसकी मानी जायेगी जिसको तयम्मुम कराया जा रहा है ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 55//56*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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