Wednesday, April 29, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 68)*_
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               _*✨तयम्मुम के मसाइल✨*_

_*💫34: मसअला : - जुनुब , हैज़ वाली औरत , मय्यत और बेवुजू यह सब एक जगह हैं और किसी ने नहाने भर को पानी देकर यह कहा कि जो चाहे खर्च करे तो बेहतर यह है कि जुनुब उससे नहाये और मुर्दे को तयम्मुम कराया जाये और दूसरे भी तयम्मुम करें और अगर यह कहा कि इसमें तुम सबका हिस्सा है और हर एक को उसमें से इतना हिस्सा मिला जो उसके काम के लिए पूरा नहीं तो चाहिए कि मुर्दे के गुस्ल के लिये अपना अपना हिस्सा दे दें और सब तयम्मुम करें ।*_

_*💫35: मसअला : - दो आदमियों में एक बाप और एक बेटा है और किसी ने इतना पानी दिया कि उससे एक का वुजू हो सकता है तो वह पानी बाप के खर्च में आना चाहिए ।*_

_*💫36: मसअला : - अगर कोई ऐसी जगह है कि न पानी मिलता है और न पाक मिट्टी कि वुजू या तयम्मुम कर सके तो उसे चाहिए कि नमाज के वक़्त में नमाज़ी की तरह सूरत बनाये यानी नमाज़ की तमाम हरकतें बिना नमाज़ की नीयत के बजा लाये ।*_

_*💫37: मसअला : - अगर कोई ऐसा है कि वुजू करता है तो पेशाब के कतरे टपकते हैं और तयम्मुम करे तो नहीं तो उसे लाज़िम है कि तयम्मुम करे ।*_

_*💫38: मसअला : - इतना पानी मिला जिससे वुजू हो सकता है और उसे नहाने की ज़रूरत है तो उस पानी से वुजू कर लेना चाहिये और गुस्ल के लिये तयम्मुम करे ।*_

_*💫39: मसअला : - तयम्मुम का तरीका यह है कि दोनो हाथ की उंगलियाँ कुशादा करके यानी फैलाकर किसी ऐसी चीज़ पर जो ज़मीन की किस्म से हो मार कर लौट लें और ज़्यादा गर्द लग जाये तो झाड़ लें और उस से सारे मुँह का मसह करें फिर दूसरी मर्तबा यूँही करे और दोनों हाथों का नाखून से कोहनियों समेत मसह करें ।*_

_*💫40: मसअला : - वुजू और गुस्ल दोनों का तयम्मुम एक ही तरह है ।*_


_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 54//55*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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