_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 105)*_
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_*💠नजासतों के मुतअल्लिक अहकाम💠*_
_*💫मसअला : - नजासते गलीजा और खफीफा के जो अलग - अलग हुक्म बताये गये यह उसी वक़्त है कि बदन या कपड़े में लगे और अगर किसी पतली चीज़ जैसे पानी या सिरका में गिरे तो चाहे गलीजा हो या खफीफा कुल नापाक हो जायेगा अगर्चे एक कतरा गिरे जब तक वह पतली चीज कसरत की हद पर यानी दह - दर - दह न हो । दह - दर - दह का मतलब यह है कि लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई दस हाथ . हो ( यानी जिसका क्षेत्रफल सौ हाथ हो ) और गहराई इतनी हो कि जमीन न खुले ।*_
_*💫मसअला : - इन्सान के बदन से जो ऐसी चीज़ निकले कि उससे गुस्ल या वुजू वाजिब हो नजासते गलीजा है जैसे पाखाना , पेशाब बहता खून , पीप , भर मुँह कै , हैज़ निफास , इस्तिहाज़ा का खून , मनी , मजी और वदी ।*_
_*💫मसअला : - शहीदे फिकही ( यानी वह शहीद जिसे गुस्ल नहीं दिया जाता ) उसका खून जब तक उसके बदन से जुदा न हो पाक है ।*_
_*💫मसअला : - दुखती आँख से जो पानी निकले नजासते गलीज़ा है यूँही नाफ या पिस्तान से दर्द के साथ पानी निकले नजासते गलीज़ा है ।*_
_*💫मसअला : - बलगमी रतूबत नाक या मुँह से निकले नजिस नहीं अगर्चे पेट से चढ़े या बीमारी के सबब हो ।*_
_*💫मसअला : - दूध पीते लड़के लड़की का पेशाब नजासते गलीज़ा है । यह जो अक्सर अवाम में मशहूर है कि दूध पीते बच्चों का पेशाब पाक है बिल्कुल गलत है ।*_
_*💫मसअला : - दूध पीने वाले बच्चे ने दूध डाल दिया अगर भर मुँह है तो नजासते गलीजा है ।*_
_*💫मसअला : - खुश्की के हर जानवर का बहता खून , मुर्दार का गोश्त और चर्बी ( यानी वह जानवर जिसमें बहता हुआ खून होता है अगर शरई तौर पर ज़िबह किये बगैर मर जाये मुर्दार है अगर्चे जिबह किया गया हो जैसे मजूसी या बुत परस्त या मुरतद का ज़बह किया हुआ जानवर अगर्चें उसने हलाल जानवर जैसे बकरी वगैरह को जिबह किया हो उसका गोश्त पोस्त सब नापाक हो गया और अगर हराम जानवर शरई तौर पर ज़बह कर लिया गया तो उसका गोश्त पाक हो गया अगर्चे खाना हराम है खिन्जीर कि वह नजिसुल ऐन है किसी तरह पाक नहीं हो सकता । ) हराम चौपाये जैसे कुत्ता , शेर , लोमड़ी , बिल्ली , चूहा , गधा , खच्चर , हाथी और सुअर का पाखाना , पेशाब और घोड़े की लीद और हर हलाल चौपाय का पाखाना जैसे गाय भैंस का गोबर , बकरी ऊँट की मेगनी और जो परिन्दा कि ऊँचा न उड़े उसकी बीट जैसे मुर्गी और बत्तख चाहे छोटी हो या बड़ी और हर किस्म की शराब और नशा लाने वाली ताड़ी और सेंधी और साँप का पाखाना पेशाब और उस जंगली साँप और मेंढक का गोश्त जिनमें बहता खून होता है अगर्चे ज़िबह किये गये हों यूँही उनकी खाल अगर्चे पका ली गई हो और सुअर का गोश्त हड्डी और बाल अगर्चे ज़िबह किया गया हो यह सब नजासते गलीजा हैं ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 80/81*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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