_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 38)*_
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_*🚿गुस्ल के मसाइल 👉🏻(भाग 2)*_
_*💫1 . सर के बाल गुंधे न हों तो हर बाल पर जड़ से नोंक तक पानी बहना और गुंधे हों तो मर्द पर फर्ज़ है कि उनको खोलकर जड़ से नोक तक पानी बहाये और औरत पर सिर्फ जड़ तर कर लेना जरूरी है खोलना ज़रूरी नहीं । हाँ अगर चोटी इतनी सख्त गुंधी हो कि बे खोले जड़ें तर न होंगी तो खोलना ज़रूरी है ।*_
_*💫2 . कानों में बाली वगैरह ज़ेवर के सुराख का वही हुक्म है जो नाक में नथ के सूराख का हुक्म वुजू में बयान हुआ ।*_
_*💫3 . भवों और मूछों और दाढ़ी के बाल का जड़ से नोक तक और उनके नीचे की खाल का धुलना ज़रूरी है ।*_
_*💫4 . कान का हर पुर्जा और उसके सूराख का मुँह धोना ज़रूरी है ।*_
_*💫5 . कानों के पीछे के बाल हटा कर पानी बहायें ।*_
_*💫6 . ठोड़ी और गले का जोड़ कि बे मुँह उठाये न धुलेगा ।*_
_*💫7 . बगलें बे हाथ उठाये न धुलेंगी ।*_
_*💫8 . बाजू का हर पहलू ।*_
_*💫9 . पीठ का हर ज़र्रा ।*_
_*💫10 . और पेट की बलटें उठाकर धोये ।*_
_*💫11 . नाफ को उंगली डाल कर धोये जब कि पानी बहने में शक हो ।*_
_*💫12 . जिस्म का हर रोंगटा जड़ से लेकर नोक तक ।*_
_*💫13 . रान और पेडू का जोड़ ।*_
_*💫14 . रान और पिंडली का जोड़ जब बैठ कर नहाये ।*_
_*💫15 . दोनों चूतड़ के मिलने की जगह खास कर जब खड़े होकर नहाये ।*_
_*💫16 . रानों की गोलाई ।*_
_*💫17 . पिंडलियों की करवटें धोये ।*_
_*💫18 . ज़कर और फोतों के मिलने की जगहें बे जुदा किये न धुलेंगी ।*_
_*💫19 . फोतों की निचली सतह जोड़ तक धोये ।*_
_*💫20 . फ़ोतों के नीचे की जगह जोड़ तक ।*_
_*💫21 . जिसका खतना न हुआ हो तो अगर खाल चढ़ सकती हो तो चढ़ाकर धोये और खाल के अन्दर पानी चढ़ाये । औरतों को खास कर यह एहतियात ज़रूरी है ।*_
_*💫22 . ढलकी हुई पिस्तान को उठाकर धोना ज़रूरी है ।*_
_*💫23 . पिस्तान और पेट के जोड़ की धारी पर पानी बहाना ।*_
_*💫24 . औरतें अपने पेशाब के बाहर की हर जगह , हर कोने , हर टुकड़े , नीचे ऊपर ध्यान से धोयें , अन्दर उंगली डाल कर धोना वाजिब नहीं , मुस्तहबं है । ऐसे ही औरत अगर हैज़ और निफास से फारिग होकर गुस्ल करती है तो एक पुराने कपड़े से अन्दर के खून का असर साफ कर लेना मुस्तहब है ।*_
_*💫25 . माथे पर अफशा लगाई हो तो उसका छुड़ाना ज़रूरी है ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 31*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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