_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 75)*_
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_*✨तयम्मुम किन चीजों से टूटता है*_
_*📍जिन चीजों से वुजू टूटता है या गुस्ल वाजिब होता है उस से तयम्मुम भी जाता रहेगा और अलावा उनके पानी पर कादिर होने , से भी तयम्मुम टूट जायेगा ।*_
_*💫1: मसअला : - मरीज़ ने गुस्ल का तयम्मुम किया था और अब इतना तन्दुरूस्त हो गया कि नहाने से नुकसान न पहुँचेगा तो ऐसी हालत में तयम्मुम टूट जायेगा ।*_
_*💫2: मसअला : - किसी ने गुस्ल और वुजू दोनों के लिये एक ही तयम्मुम किया था फिर वुजू तोड़ने वाली कोई चीज़ पाई गई या इतना पानी पाया जिससे सिर्फ वुजू कर सकता है या बीमार था और अब इतना तन्दुरूस्त हो गया कि वुजू नुकसान न करेगा और गुस्ल से नुकसान होगा तो सिर्फ वुजू के हक में तयम्मुम जाता रहा और गुस्ल के हक में बाकी रहेगा ।*_
_*💫3: मसअला : - जिस हालत में तयम्मुम नाजाइज़ था अगर वह हालत तयम्मुम के बाद पाई गई तो तयम्मुम टूट जायेगा जैसे तयम्मुम वाले का ऐसी जगह गुज़र हुआ कि वहाँ से एक मील के अन्दर पानी है तो तयम्मुम जाता रहेगा यह ज़रूरी नहीं कि वह पानी के पास ही पहुँच जाये ।*_
_*💫4: मसअला : - इतना पानी मिला कि वुजू के लिये काफी नहीं यानी एक बार मुँह और एक - एक बार दोनों हाथ पाँव नहीं धो सकता है तो तयम्मुम नहीं टुटा और अगर एक - एक बार धो सकता है तो तयम्मुम जाता रहा ऐसे ही गुस्ल के तयम्मुम करने वालों को इतना पानी मिला जिस से गुस्ल नहीं हो सकता तो तयम्मुम नहीं गया ।*_
_*💫5: मसअला : - अगर कोई आदमी ऐसी जगह गुज़रा कि वहाँ से पानी करीब है मगर पानी के पास शेर , सॉप या दुश्मन है जिससे जान माल या इज्जत का वाकई खतरा है या काफिला इन्तेजार न करेगा और नजरों से गायब हो जायेगा या सवारी से उतर नहीं सकता जैसे रेल या घोड़ा कि उसके रोकने से नहीं रुकता या घोड़ा ऐसा है कि उतरने तो देगा मगर फिर चढ़ने न देगा या यह इतना कमजोर है कि फिर चढ़ न सकेगा या कुँए में पानी है मगर उसके पास डोल रस्सी नहीं तो इन सब सूरतों में तयम्मुम नहीं टूटा ।*_
_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 59/60*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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