Wednesday, April 29, 2020


  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 02 (पोस्ट न. 74)*_
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_*✨किस चीज़ से तयम्मुम जाइज है और किस से नहीं ✨*_

_*💫 10: मसअला : - गल्ला गैहूँ , जौ वगैरा और लकड़ी या घास और शीशे पर गुबार हो तो उस गुबार से तयम्मुम जाइज़ है जबकि इतना हो कि हाथ में लग जाता हो वर्ना नहीं और मुश्क , अम्बर , काफूर और लोबान से तयम्मुम जाइज़ नहीं ।*_

_*💫 11: मसअला : - मोती , सीप और घोंगे से तयम्मुम जाइज़ नहीं अगर्चे पिसे हों और इन चीजों के चूने से भी तयम्मुम नाजाइज़ है ।*_

_*💫 12: मसअला : - राख , सोने , चाँदी और फौलाद वगैरा के कुश्तों से भी तयम्मुम जाइज़ नहीं ।*_

_*💫 13: मसअला : - ज़मीन या पत्थर जल कर स्याह हो जाये तो उससे तयम्मुम जाइज़ है । मसअला : - अगर खाक में राख मिल जाये और खाक ज्यादा हो तो तयम्मुम जाइज़ है वर्ना नहीं । मसअला : - पीले , लाल , हरे और काले रंग की मिट्टी से तयम्मुम जाइज़ है मगर जब रंग छूट कर हाथ मुँह को रंगीन कर दे तो बिना सख्त ज़रूरत के उससे तयम्मुम करना जाइज़ नहीं और अगर कर लिया तो हो गया और भीगी मिट्टी से तयम्मुम जाइज़ है जब कि मिट्टी ज्यादा हो ।*_

_*💫 14: मसअला : - मुसाफिर का ऐसी जगह पर गुज़र हुआ कि सब तरफ कीचड़ ही कीचड़ है और उस पानी नहीं मिलता कि वुजू , या गुस्ल कर सके और कपड़े में भी गुबार नहीं तो उसे चाहिये कि कपडा कीचड़ से सानकर सुखा ले और उससे तयम्मुम करे और वक़्त जा रहा हो तो मजबूरी का कीचड़ ही से तयम्मुम कर ले जबकि मिट्टी गालिब हो यानी मिट्टी ज़्यादा हो ।*_

_*💫 15: मसअला : - गद्दे और दरी वगैरा में गुबार है तो उससे तयम्मुम कर सकता है अगर्चे वहाँ मिट्टी मौजूद हो जब कि गुबार इतना हो कि हाथ फेरने से उंगलियों का निशान बन जाये ।*_

_*💫 16: मसअला : - नजिस कपड़े में गुबार हो उससे तयम्मुम जाइज नहीं हाँ अगर उसके सूखने के बाद गुबार पड़ा तो जाइज है ।*_

_*💫 17: मसअला : - मकान बनाने या गिराने में या किसी और सूरत से मुँह और हाथों पर गर्द पड़ी और तयम्मुम की नियत से मुँह और हाथों पर मसह कर लिया तो तयम्मुम हो गया ।_*💫

_*💫 18: मसअला : - गच की दीवार पर तयम्मुम जाइज़ है ।*_

_*💫 19: मसअला : - बनावटी मुदीसंग से तयम्मुम जाइज नहीं और मूंगे और उसकी राख से तयम्मुम जाइज नहीं ।*_

_*💫 20: मसअला : - जिस जगह से एक ने तयम्मुम किया दूसरा भी उसी जगह से तयम्मुम कर सकता है और यह जो मशहूर है कि मस्जिद की दीवार या ज़मीन से तयम्मुम नाजाइज या मकरूह है यह गलत है ।*_

_*💫 21: मसअला : - तयम्मुम के लिये हाथ ज़मीन पर मारा और मसह से पहले ही तयम्मुम टुटने का कोई सबब पाया गया तो उससे तयम्मुम नहीं कर सकता ।*_

_*📕बहारे शरिअत हिस्सा 2, सफा 58/59*_

_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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