_*📑असबाक -ए- इबरत ( पोस्ट न. 16)*_
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_*📍आखिरी बात*_
_*✨यह सब जो कुछ पिछले पोस्ट में बयान हुआ इसका मकसद यह है कि लोग इसको पढ़कर इबरत हासिल करें । खुद भी नेक आमाल करें और दूसरों को भी नेकी की तरफ़ दावत दें और उन कामों से बचें जिन कामों के बदले आख़िरत में सख़्त दुशवारियों का सामना करना पड़ेगा ।*_
_*✨मुसलमानो ! यह दुनिया चन्द दिनों की है इसकी मुहब्बत में अपनी आख़िरत बर्बाद मत करो । आज ही अपने गुनाहों से सच्ची तौबा करो और रब की फ़रमाँबरदारी में लग जाओ । इसी में दुनिया और आख़िरत की कामयाबी है । अल्लाह तआला हमें तौफीक अता फरमाए ।*_
_*असबाक -ए- इबरत के पोस्ट अब खत्म हुए जो शुरू से पढ़ना चाहते हैं वो टेलिगराम से पढ़ लें। ⤵️*_
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_*मुसन्निफ़ :✍🏻 मौलाना हाफ़िज़ तौहीद अह़मद खाँ रज़वी*_
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