_*📑असबाक -ए- इबरत ( पोस्ट न. 15)*_
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_*📍अब तक जो भी बयान हुआ वह तरहीब पर था । असलाफ़े किराम की इत्तिबा करते हुए अब तरगीब के तअल्लुक से कुछ बयान किया जा रहा है । क्योंक हमारे असलाफ़े किराम की अक्सर किताबें जो वअज व नसीहत पर मुशतमिल हैं उनमें तरगीब और तरहीब दोनों ही का बयान होता है ।*_
_*✨जन्नत का बयान✨*_
_*✨जन्नत एक मकान है जिसको अल्लाह तआला ने ईमान वालों के लिए बनाया है । उसमें ऐसी ऐसी नेमतें रखी गई हैं जिनको न आँखों ने देखा , न कानों ने सुना और न कोई इन नेमतों का ख्याल कर सकता है । जन्नत की कोई औरत अगर ज़मीन की तरफ़ देख ले तो जमीन से आसमान तक रौशन हो जाए , चाँद और सूरज की रौशनी फीकी पड़ जाए और पूरी दुनिया उसकी खुशबू से भर जाए , कम दर्जे के जन्नती के लिए अस्सी हज़ार ( 80 , 000 ) खादिम और बहत्तर ( 72 ) बीवियाँ होंगी और उनको ऐसे ताज मिलेंगे कि उसमें का एक कम दर्जे का मोती पूरी दुनिया को चमका दे । जन्नतियों को जन्नत में हर किस्म की लज्जत वाले फल और खाने मिलेंगे । जो चाहो फौरन उनके सामने आ जाएगा । अगर किसी चीज़ के पीने को जी चाहेगा तो उस चीज़ से भरा हुआ गिलास फौरन हाथ में आ जाएगा । गरज़ यह कि जन्नती को हर तरह का आराम और चैन व सुकून मिलेगा ।*_
_*📕 असबाक -ए- इबरत , सफा , 23/24*_
_*📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह.....*_
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_*मुसन्निफ़ :✍🏻 मौलाना हाफ़िज़ तौहीद अह़मद खाँ रज़वी*_
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