Monday, May 4, 2020



    _*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 51)*_
―――――――――――――――――――――           
                                 *﷽*

_*🔪कुर्बानी का बयान🔪*_

*❓सवाल : - कुर्बानी करना किस पर वाजिब है ।*_

 _*✍🏻जवाब : - कुर्बानी करना हर मालिके निसाब पर वाजिब है ।*_

 _*❓सवाल : - कुर्बानी का मालिके निसाब कौन है ।*_

_*✍🏻जवाब : - कुर्बानी का मालिके निसाब वह शख्स है जो साढ़े बावन  तोला चांदी या साढ़े सात  तोला सोना या उनमें से किसी एक की कीमत का सामाने तिजारत या सामाने गैरे तिजारत का मालिक हो या उनमें से किसी एक की कीमत भर के रुपया का मालिक हो और ममलूका ( जो उसकी मिलकियत हो ) चीजें हाजते असलीया से ज़ाइद हों ।*_

_*❓सवाल : - मालिके निसाब पर अपने नाम से ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार कुर्बानी करना वाजिब है या हर साल ।*_

 _*✍🏻जवाब : - अगर हर साल मालिके निसाब है तो हर साल अपने नाम से कुर्बानी करना वाजिब है और अगर दूसरे की तरफ़ से भी करना चाहिता हो तो उसके लिए दूसरी कुर्बानी का इन्तिज़ाम करे ।*_

_*सवाल : - कुर्बानी करने का तरीका क्या है ।*_

_*जवाब : - कुर्बानी करने का तरीका यह है कि जानवर को बायें पहलू पर इस तरह लिटाए कि मुंह उसका किबला की तरफ़ हो और अपना दायां पांव उस के पहलू पर रख कर तेज़ छुरी लेकर यह दुआ पढ़े ।*_

   _*اِنّ‌ِی وَجَّہْتُ وَجْہِیَ لِلَّذِیْ فَطَرَ السَّمٰوٰتِ وَلْاَرْضِ عَلٰٖ مِلَّۃِ اِبْرَا ھِیْمَ حَنِنْفًا وَّمَآ اَنَا مِنَ الْمُشْر‍ِ کِیْنَ قُلْ اِنَّ صَلَاتِیْ وَنُسُکِیْ وَمَحْیَایَ وَمَمَا تِیْ لِلّٰهِ رَبّ‌ِ الْعَا لَمِیْنَ۔لَاشَرِیْکَ لَهٗ وَبِذَا لِکَ اُمِرْتُ وَاَنَامِنَ الْمُسْلِمِنْنَ اَلَلّٰہُمَّ    مِنْکَ وَلَکَ۔بِسْمِ اللّٰهِ َاَللّٰهُ اَکْبَرْ*_ 

_*“ इन्नी वज्जहतु वजहिय लिल्लजी फ़तरस्समावाति वलअरद  अला मिल्लती इब्राहिमा हनीफवमा अना मिनल मुशरिकीन क़ुल इन्न सलाती व नुसुकी वमहयाय व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन लाशरीक लहु व बिजालि क उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन अल्लाहुम्म  बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर "*_

_*पढ़ कर ज़बह करे फिर यह दुआ पढ़े*_

    _*اَللّٰہُمَّ تَقَبَّلْ مِنّ‌ِی کَمَا تَقَبَّلْتَ مِنْ خَلِیْلِکَ اِبْرَھِیْمَ عَلَیْهِ   الصَّلَاۃُ وَالسَّلَامُ وَحَبِیْبِکَ مُحَمْدٍ ضَلَّی اللّٰهُ تَعَالَ عَلَیْهِ وَسَلَّمَ*_ 

_*“ अल्लाहुम्म तकब्बल मिन्नी कमा तकब्बल त मिन खलीलि क इब्रहीम अलैहिस्सालातु वस्सलामु व हबीबि क मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम " अगर दूसरे की तरफ़ से कुर्बानी करे तो “ मिन्नी " के बजाय “ मिन " कह कर उसका नाम ले ।*_

_*❓सवाल : - साहिबे निसाब अगर किसी वजह से अपने नाम कुर्बानी न कर सका और कुर्बानी के दिन गुजर गए तो उसके लिए क्या हुक्म है ।*_

_*✍🏻जवाब : - एक बकरी की कीमत उस पर सदका करना वाजिब ।*_

_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 105/106*_

_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━


No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...