Monday, May 4, 2020


    _*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 50)*_
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                                 *﷽*

_*🌙ईद व बक़रईद का बयान🌙 ( भाग 2 )*_

_*❓सवाल : - ईदुल फित्र के दिन कौन कौन से काम मुस्तहब हैं ।*_ 

_*✍🏻जवाब : - हजामत बनवाना , नाखुन तरशवाना , गुस्ल करना , मिस्वाक करना , अच्छे कपड़े पहनना , खुश्बू लगाना , सुबह की नमाज मुहल्ला की मस्जिद में पढ़ना , ईदगाह सवेरे जाना , नमाज़ से पहले सदक़ये फित्र अदा करना , ईदगाह तक पैदल जाना , दूसरे रास्ते से वापस आना , नमाज के लिए जाने से पहले ताक यानी तीन या पांच या सात खजूरै खा लेना और खजूरौं न हों तो कोई मीठी चीज़ खाना , खुशी जाहिर करना , आपस में मुबारकबाद देना और ईदगाह इत्मिनान व विकार के साथ नीचे निगाह किए हुए जाना । यह सब बातें ईदुलफित्र के दिन मुस्तहब*_

 _*❓सवाल : - ईदुल अज़हा के तमाम अहकाम ईदुलफित्र की तरह हैं या कुछ फर्क है ।*_

_*✍🏻जवाब : - ईदुलफ़ित्र की तरह हैं सिर्फ बाज़ बातों में फर्क है और वह यह हैं।*_

 _*👉🏻( 1 ) ईदुलअज़हा में मुस्तहब यह है नमाज़ अदा करने से पहले कुछ न खाए अगरचे कुर्बानी न करनी हो और अगर खलिया तो कराहत नहीं।*_

_*👉🏻( 2 ) ईदुलअज़हा के दिन ईदगाह के रास्ता में बुलन्द आवाज़ से तकबीर कहता हुआ जाए।*_

_*👉🏻( 3 ) कुर्बानी करनी हो तो मुस्तहब यह है कि पहली से दसवीं ज़िलहिज्जा तक न हजामत बनवाये और न नाखुन तरशवाये।*_

_*👉🏻( 4 ) नवीं ज़िलहिज्जा की फ़ज़्र से तेरहवीं की अस्र तक हर नमाजे फ़र्ज़ पंजगाना के बाद जो जमाअत मुस्तहब्बा के साथ अदा की गई हो एक बार बुलन्द आवाज़ से तकबीर कहना वाजिब है और तीन बार अफ़ज़ल । इसे तकबीरे तशरीक कहते हैं वह यह है ।*_

_*“ अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर लाइलाह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर व लिल्लाहिलहम्दु "*_

_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 103/104/105*_

_*📍 बाकि अगले पोस्ट में।*_

_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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