_*📜अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 34)*_
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*﷽*
_*🕌नमाज़ के मकरूहात*_
_*❓सवाल : - नमाज़ के अन्दर जो बातें मकरूह हैं उन्हें बताइए ।*_
_*✍🏻जवाब : - कपड़े , बदन या दाढ़ी के साथ खेलना कपड़ा समेटना जैसे सजदा में जाते वक़्त आगे या पीछे से उठाना , कपड़ा लटकाना यानी सर या मोढे पर इस तरह डालना कि दोनों कनारें लटकते हों , किसी आसतीन का आधी कलाई से ज्यादा चढ़ाना । दामन समेट कर नमाज़ पढ़ना , शिद्दत का ( ज़ोरदार ) पाख़ाना पेशाब मालूम होते वक़्त या गल्बये रियाह के वक़्त नमाज़ पढ़ना मर्द का जूढ़ा बांधे हुए नमाज़ पढ़ना , उंगलियां चटकाना , उंगलियों की कैंची बांधना , कमर पर हाथ रखना , इधर उधर मुंह फेर कर देखना , आसमान की तरफ निगाह उठाना । तशहहुद या सजदों के दरमियान कुत्ते की तरह बैठना , मर्द का सजदा में कलाइयों का बिछाना , किसी शख्स के मुंह के सामने नमाज़ पढ़ना , कपड़े में इस तरह लिपट जाना कि हाथ भी बाहर न हो । पगड़ी इस तरह बांधना कि बीच सर पर न हो नाक और मुंह को छिपाना बे ज़रूरत खंकार निकालना*_
_*बिलकस्द जमाही लेना और खुद आए तो हर्ज नहीं , जिस कपड़े पर जानदार की तस्वीर ( फोटो ) हो उसे पहन कर नमाज़ पढ़ना , तस्वीर का नमाजी के सर पर यानी छत में होना या लटका होना या सजदा करने की जगह में होना कि उस पर सजदा वाके हो , नमाज़ी के आगे या दाहिने या बायें या पीछे तस्वीर का होना जब कि लटकी हो या नसब हो या दीवार वगैरा में मनकूश हो ( दीवार पर खोद कर या वैसे ही किसी जानदार की तस्वीर बनी होना ) उलटा कुरआन मजीद पढ़ना , किसी वाजिब को तर्क करना ( छोड़ना ) कियाम के अलावा किसी और मौका पर कुरआन पढ़ना रुकु में किराअत को खत्म करना , इमाम से पहले मुक़तदी का रुकु व सुजूद वगैरा में जाना या उससे पहले सर उठाना यह तमाम बातें मकरूह तहरीमी हैं ।*_
_*📕 अनवारे शरिअत, सफा 72/73*_
_*🤲🏻तालिबे दुआ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
_*📮जारी रहेगा इंशाअल्लाह.....*_
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