_*अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 18)*_
―――――――――――――――――――――
*﷽*
_*🕌नमाज़ के वक़्तो का बयान⏲️*_
_*❓सवाल : - दिन व रात में कुल कितनी नमाजें फर्ज हैं ।*_
_*🌟जवाब : - दिन व रात में कुल पांच नमाजें फर्ज है । फज्र , जुहर , अस्र , मगरिब , और इशा ।*_
_*❓सवाल : - फज्र का वक़्त कब से कब तक है ।*_
_*🌟जवाब : - उजाला होने से फ़ज़्र का वक़्त शुरू होता है और सूरज निकलने से पहले तक रहता है लेकिन खूब उजाला होने पर पढ़ना मुसतहब है ।*_
_*❓सवाल : - जुहर का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - ज़ुहर का वक़्त सूरज ढलने के बाद शुरू होता है और ठीक दोपहर के वक़्त किसी चीज़ का जितना साया होता है उसके अलावा उसी चीज़ का दोगुना साया हो जाए तो ज़ुहर का वक़्त खत्म हो जाता है । मगर छोटे दिनों में अव्वले वक़्त और बड़े दिनों में आखिरे वक़्त पढ़ना मुसतहब है ।*_
_*❓सवाल : - अस्र का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - ज़ुहर का वक़्त खत्म हो जाने से अस्र वक़्त शुरू हो जाता है और सूरज डूबने से पहले तक रहता है , मगर अस्त्र में ताखीर हमेशा मुसतहब है लेकिन न इतनी ताखीर कि सूरज | की टिकिया में जार्दी आ जाए ।*_
_*❓सवाल : - मगरिब का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - मगरिब का वक़्त सूरज डूबने के बाद से शुरू हो जाता है , और उत्तर दक्खिन फैली हुई सफ़ेदी के गायब होने से पहले तक रहता है । मगर अव्वल वक्त पढ़ना मुसतहब और ताख़ीर मकरूह है ।*_
_*❓सवाल : - इशा का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - इशां का वक़्त उत्तर दक्खिन फैली हुई सफेदी के गायब होने से शुरू होता है और सुबह उजाला होने से पहले तक रहता है लेकिन तिहाई रात तक ताखीर मुसतहब और आधी रात तक मुबाह और आधी रात के बाद मकरूह है ।*_
_*📗अनवारे शरिअत, सफा 42/43/44*_
_*🖋️तालिबे दुआँ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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*﷽*
_*🕌नमाज़ के वक़्तो का बयान⏲️*_
_*❓सवाल : - दिन व रात में कुल कितनी नमाजें फर्ज हैं ।*_
_*🌟जवाब : - दिन व रात में कुल पांच नमाजें फर्ज है । फज्र , जुहर , अस्र , मगरिब , और इशा ।*_
_*❓सवाल : - फज्र का वक़्त कब से कब तक है ।*_
_*🌟जवाब : - उजाला होने से फ़ज़्र का वक़्त शुरू होता है और सूरज निकलने से पहले तक रहता है लेकिन खूब उजाला होने पर पढ़ना मुसतहब है ।*_
_*❓सवाल : - जुहर का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - ज़ुहर का वक़्त सूरज ढलने के बाद शुरू होता है और ठीक दोपहर के वक़्त किसी चीज़ का जितना साया होता है उसके अलावा उसी चीज़ का दोगुना साया हो जाए तो ज़ुहर का वक़्त खत्म हो जाता है । मगर छोटे दिनों में अव्वले वक़्त और बड़े दिनों में आखिरे वक़्त पढ़ना मुसतहब है ।*_
_*❓सवाल : - अस्र का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - ज़ुहर का वक़्त खत्म हो जाने से अस्र वक़्त शुरू हो जाता है और सूरज डूबने से पहले तक रहता है , मगर अस्त्र में ताखीर हमेशा मुसतहब है लेकिन न इतनी ताखीर कि सूरज | की टिकिया में जार्दी आ जाए ।*_
_*❓सवाल : - मगरिब का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - मगरिब का वक़्त सूरज डूबने के बाद से शुरू हो जाता है , और उत्तर दक्खिन फैली हुई सफ़ेदी के गायब होने से पहले तक रहता है । मगर अव्वल वक्त पढ़ना मुसतहब और ताख़ीर मकरूह है ।*_
_*❓सवाल : - इशा का वक़्त कब से कब तक रहता है ।*_
_*🌟जवाब : - इशां का वक़्त उत्तर दक्खिन फैली हुई सफेदी के गायब होने से शुरू होता है और सुबह उजाला होने से पहले तक रहता है लेकिन तिहाई रात तक ताखीर मुसतहब और आधी रात तक मुबाह और आधी रात के बाद मकरूह है ।*_
_*📗अनवारे शरिअत, सफा 42/43/44*_
_*🖋️तालिबे दुआँ-ए- मग़फिरत एडमिन*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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