Monday, May 4, 2020


_*अनवारे शरिअत (पोस्ट न. 19)*_
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                                 *﷽*

_*⏲️मकरूह वक़्तो का बयान*_

_*❓सवाल : - क्या रात और दिन में कुछ वक़्त ऐसे भी हैं जिन में नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं ।*_

_*🌟जवाब : - जी हां सूरज निकलने के वक़्त , सूरज डूबने के वक़्त और दोपहर के वक़्त किसी किस्म की कोई नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं । हां अगर उस दिन अस्र की नमाज़ नहीं पढ़ी है तो सूरज डूबने के वक़्त पढ़ ले मगर इतनी देर करना सख्त गुनाह है ।*_

 _*❓सवाल : - सूरज निकलने के वक़्त कितनी देर नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं ?*_

 _*🌟जवाब : - जब सूरज का कनारा जाहिर हो उस वक़्त से लेकर तकरीबन बीस मिनट तक नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं ।*_

 _*❓सवाल : - सूरज डूबने के वक़्त कब से कब तक नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं है ।*_

_*🌟जवाब : - जब सूरज पर नज़र ठहरने लगे उस वक़्त से लेकर डूबने तक नमाज़ पढ़ना नहीं जाइज़ है और यह वक़्त भी तक़रीबन बीस ( 20 ) मिनट है ।*_

 _*❓सवाल : - दोपहर के वक़्त कब से कब तक नमाज़ पढ़ना जाइज नहीं ।*_

_*🌟जवाब : - ठीक दोपहर के वक़्त तक़रीबन चालीस ( 40 ) पचास ( 50 ) मिनट तक नमाज़ पढ़ना जाइज़ नही ।*_

_*❓सवाल : - मकरूह वक़्त में नमाज़े जनाज़ा पढ़ना कैसा है ।*_

 _*🌟जवाब : - अगर मकरूह वक़्तो में जनाज़ा लाया गया तो उसी वक़्त पढ़ें कोई कराहत नहीं । कराहत उस सूरत में है कि पहले से जनाज़ा तैयार मौजूद है और ताखीर की यहां तक कि वक़्ते कराहत आ गया।*_

 _*📚( बहारे शरीअत , आलमगीरी )*_

_*❓सवाल : - इन मकरूह वक़्तो में कुरआन शरीफ़ पढ़ना कैसा है ।*_

 _*🌟जवाब : - इन मकरूह वक़्तो में कुरआन शरीफ न पढ़े तो बेहतर है और पढ़े तो कोई हर्ज नहीं ।*_

_*📗( अनवारूल हदीस )*_



_*📗अनवारे शरिअत, सफा 44/45*_

_*🖋️तालिबे दुआँ-ए- मग़फिरत एडमिन*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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