Sunday, August 26, 2018



                  _*ताज़िया-दारी हराम है*_
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_*लोग ताजिया बनाकर अहले सुन्नत को बदनाम करते हैं.*_
_*जबकि अहले सुन्नत के उलमा भी ताजिये को मना करते है.*_

_*ताजिया दारी हराम है, हराम है, हराम है,*_

_*कुरान फरमाता है 👇🏻*_

_*"और उन लोगों से दूर रहो जिन्होंने*_
_*अपने दीन को खेल तमाशा बना लिया."*_

_*📕 पारा: 7*_

_*हदीस में है 👇🏻*_

_*जो (मैय्यत के ग़म में) गाल पीटे, गरीबन फाड़े,*_
_*और चीख व पुकार मचाये वो हम में से नहीं"*_

_*📕 बुखारी शरीफ़*_

_*रसूलअल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया*_
_*मेरी उम्मत में ऐसे लोग भी होंगे जो ढोल बाजो को हलाल (जाइज़) कर देंगे*_

_*📕 बुखारी शरीफ़*_

_*उलमा ए अहले सुन्नत:*_
_*फतवे: मुहर्रम में जो ताजियादारी होती है गुम्बद नुमा ताजिया बनाये जाते है ये नाजायेज़ है*_

_*📕 फतावा अजीजिया*_

_*आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खान फरमाते है:*_
_*ताजिया बिदअत, नाजायेज़ व हराम है*_

_*📕 फतवा रजविया*_

_*मुफ्तिये आज़म ए हिन्द, मौलाना मुस्तफ़ा रज़ा खान:*_
_*ताज़ियादारी शर'अन नाजायेज़ है*_

_*📕 फतावा मुस्ताफ्विया*_

_*मुफ़्ती मुहम्मद अमज़द अली आज़मी:*_
_*ये वाकिया तुम्हारे लिए नसीहत था तुमने इसे खेल तमाशा बना लिया,*_

_*📕 बहारे शरीअत*_

_*ताजिया बनाना, बाजे ताशे के साथ उठाना, इस की ज्यारत करना, अदब करना, ताज़ीम करना, सलाम करना, चूमना, बच्चो को दिखाना, हरे कपडे पहनना, फकीर बनाना,*_
_*भिक मंगवाना, ये सब नाजायेज़ व गुनाह है*_

_*📕 शमा ए हिदायत*_

_*मुफ़्ती जलालुद्दीन साहब: हिंदुस्तान में जिस तरह आम तौर में*_
_*ताजियों का रिवाज़ है, बेशक हराम नाजायेज़ व बिद'अत है,*_

_*📕 फतवा फैज़ुर्रुसूल*_

_*ये सारे हवाले अहले सुन्नत की किताबो में से है,*_
_*कहीं भी ये नहीं पाया गया की सुन्नी आलिमो ने ताजिये को जायेज़ कहा।*_

_*लोग बिलावजह नाम बदनाम करते हैं।*_
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