Saturday, September 1, 2018



                _*मरने के बाद भी फायदा*_
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_*तीन चीज़ें मरने के बाद भी फायदा पहुंचाती हैं*_

_*1). इल्मे दीन - जो लोगों को सिखाकर गया*_
_*2). नेक औलाद - जो उसके लिए दुआ करे*_
_*3). सदक़ए जारिया - जिससे लोग उसके बाद भी फायदा उठाते हों*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 226*_

_*मर्द को हाथ या पैर में मेंहदी लगाना नाजायज़ है हां बाल या दाढ़ी में लगा सकता है मगर काला ख़िज़ाब या डाई लगाने दोनों को ही हराम है*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 205*_

_*मुसाफा दोनों हाथों से करना ही सुन्नत है*_

_*📕 बुखारी, जिल्द 2, सफह 926*_

_*मरीज़ को खाने के लिए मजबूर ना किया जाए कि उन्हें उनका रब खिला पिला देता है*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 122*_

_*जिसने चौसर या शतरंज खेला तो गोया उसने सुअर के गोश्त व खून से हाथ रंगा*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 128*_

_*जो अशआर जायज़ हैं उनका पढ़ना या गुनगुनाना बिला शुबह जायज़ है मसलन किसी औरत के हुस्नो जमाल की तारिफ में कोई शेअर है तो अगर किसी ख़ास के लिए है और वो ज़िंदा है तो पढ़ना मकरूह है और अगर किसी ख़ास का ज़िक्र नहीं तो मकरूह भी नहीं*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 132*_

_*कोई किसी की ग़ीबत कर रहा था किसी ने रोका तो उसने कहा कि मैं सच्चा हूं ये ग़ीबत नहीं तो उसने हराम क़तई को जायज़ कहा लिहाज़ा उसने कुफ़्र किया*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 150*_

_*अल्लाह के नज़दीक सबसे प्यारा वो है जो उसके बन्दों पर एहसान करे यानि नरमी बरते*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 185*_

_*क़यामत के दिन अल्लाह के नज़दीक सबसे बुरा मर्तबा उस आलिम का होगा जो अपने ही इल्म से फायदा ना उठा सके*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 228*_

_*मुहम्मद नबी, अहमद नबी, नबी अहमद, मुहम्मद रसूल ये नाम रखना सख्त नाजायज़ो हराम है हां गुलाम नबी या गुलाम रसूल नाम रखें*_

_*📕 बहारे शरीयत, हिस्सा 16, सफह 214*_
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