_*ब्याज ( Interest )*_
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_*👉🏻 ब्याज एक बहुत संगीन बीमारी है जिसको आज हम मुसलमानों ने बहुत ही हक़ीर ( तुच्छ ) समझ लिया है, जिसका लेना और देना तो गुनाह समझना ही भूल गए है, आज हर शख्स किसी न किसी तरह से ब्याज में मुब्तिला है, जिसको वो अलग अलग नाम रख कर हासिल करता है, जिससे खुद को और दूसरे लोगों को गुमराह कर सके और ये अहसास दिला सके कि ये ब्याज नही है, हालांकि वो खुद को ही बर्बादी के तरफ झोंक रहा है,जब हर शख्स जानता है कि जब तक वो अपने हिस्से का रिज़्क़ पा न ले वो इस दुनिया से नही जायेगा तो क्यों न वो हलाल तरीके से ही उसको हासिल करे, जिससे उसकी दीन और दुनिया दोनों महफूज़ रहे,*_
_👉🏻 *अल्लाह तआला क़ुरआन में फरमाता है*_
_*ऐ लोगों जो ईमान लाए हो ! अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करो उस से मुँह न मोड़ो जबकि तुम सुनते हो,*_
_*📕 अल क़ुरान 8:20*_
_*👉🏻 लेकिन हम सुन ही कहा रहे है बस पैसा कैसे भी हासिल हो जाए जबकि आप-*_
_*सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने फरमाया की मेरी उम्मत पर एक जमाना ऐसा आएगा कि उसको कोई परवाह नही होगी कि उसने जो माल कमाया है वो हलाल तरीके से कमाया है या हराम तरीके से*_
_*👉🏻 लेकिन कोई रोकने वाला नही है ज़रा इस हदीस पर गौर करे रसूल अल्लाह सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने फरमाया : जिस क़ौम में गुनाहों का इर्तकाब होता है और उनमें ऐसे जोरावर लोग हो जो उन्हें रोक सकते हो लेकिन वह न रोके तो अल्लाह तआला सबको अपने अज़ाब में गिरफ्तार कर लेता है,*_
_*📕 इब्ने माज़ा 4009 सहीह*_
_*👉🏻 आज हाल ये की लोग खुद ब्याज खाते है, लेकिन लोगों में ये कहते है कि मैं आपको दूसरे से ब्याज दिलवा दूँगा हालांकि वो खुद का ही पैसा ब्याज पर देता है, लेकिन वो ये भूल जाते है कि अल्लाह से कोई बात नही छुपी है,*_
_*अब जो ये सोच कर सूद खा रहे है कि वो इससे मालामाल हो जाएंगे वो इस आयत पर गौर करे,*_
_*अल्लाह सूद को मिटाता है और सदक़ात को बढ़ाता है और अल्लाह किसी नाशुक्रे गुनाहगार को पसंद नही करता,*_
_*📕अल क़ुरान 2:276*_
_*👉🏻 ऐ लोगों जो ईमान लाए हो ! अल्लाह से डरो और जो सूद बाकी है वह छोड़ दो अगर तुम मोमिन हो,*_
_*📕 अल क़ुरान 2:278*_
_*👉🏻 तो अगर आप सूद खा रहे हो तो, मैं मोमिन हूँ ये नारा लगाने से पहले ऊपर वाली आयत याद कर लेना और जो अल्लाह और उसके रसूल से मोहब्बत का दावा करता फिर रहा है और सूद खाने से बाज़ नही आता ऐसे लोगों के लिए क़ुरआन में अल्लाह तआला फरमाते है,*_
_*फिर अगर तुमनें यह न किया ( यानी सूद खाना नहीं छोड़ा ) तो अल्लाह और उसके रसूल से जंग के लिए तैयार हो जाओ,*_
_*📕 सुरह बक़रा आयत 279*_
_*👉🏻 क्या कोई मुसलमान ऐसा सोच भी सकता है कि वो अल्लाह और उसके रसूल से जंग करे.?*_
_*👉🏻 सिर्फ सूद खाने वाला ही गुनहगार नही होता,*_
_*रसूल अल्लाह सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने सूद खाने वाले खिलाने वाले, लिखने वाले और उसके दोनों गवाहों पर पर लअनत की और फरमाया : ( गुनाहों में ) ये सब बराबर है,*_
_*📕 सहीह मुस्लिम 4093*_
_*👉🏻 आप सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने जिन सात तबाह कुन गुनाहों से बचने का कहा है जिनमें एक सूद भी है,*_
_*📕 सहीह मुस्लिम 262*_
_*आज हम रसूल को तो मानते है लेकिन रसूल की नहीं मानते बस लेबल लगा के घूमते है हम असली सुन्नी है कैसे सुन्नी हो जो ऐसे काम मे मुब्तिला है जो नबी से जंग लड़ने के बराबर है और ऐसा काम जो आपके माल को बढ़ाता नही घटाता है,*_
_*👉🏻 नबी करीम सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने फरमाया : जिसने भी सूद से माल बढ़ाया उसका अंजाम ये होता है कि उसका माल घट जाता है,*_
_*📕 इब्ने माज़ा 2279 सहीह*_
_*👉🏻 अगली हदीस के अल्फ़ाज़ इतने संगीन है कि कोई ख्वाब में भी ऐसा नही करना चाहेगा,*_
_*सूद के बहत्तर दर्जे है इसका सबसे कम तरीन दर्जा आदमी का अपनी माँ से ज़िना करने के बराबर है,*_
_*📕 अल सिलसिला तूस सहीहा 1250*_
_*👉🏻 ज़रा नबी के सहाबा की इस हदीस पर गौर करो,*_
_*सैय्यदना काब रज़ि अल्लाह कहते है अगर मैं 33 मर्तबा ज़िना करू तो मुझे ये बुराई सूद का एक दिरहम खाने से हल्की महसूस होगी, जबकि अल्लाह तआला जानता हो कि मैं उसको सूद समझ कर ही खा रहा हूँ,*_
_*📕 मुसनद अहमद 5960 सहीह*_
_*अब आप तसव्वुर करे कि ब्याज ( सूद ) कितना खतरनाक मामला है जिसको हम अमल में लाना इतना मामूली समझ बैठे है मोबाईल लाना है ईएमआई पर ले लेंगे चाहे ब्याज लगे कोई परवाह नहीं क्योंकि मोबाइल ज़रूरी है नबी का फरमान नहीं, बाइक लाना है पैसे कम है किश्त पर ले लेंगे लेकिन बाइक तो नई ही लाएंगे क्योंकि लोगों को दिखाना है लेकिन नबी को अल्लाह को भी मुँह दिखाना है उसका क्या,*_
_*👉🏻 मेराज की खुशियां मनाते हो मेराज का वाकिया भी सुन लो,*_
_*नबी करीम सल्ललाहो अलैहिवसल्लम ने फरमाया : जिस रात मुझे मेराज कराई गई मैंने एक आदमी देखा वह एक नहर में तैर रहा था और उसके मुँह पर पत्थर फेंके जा रहे थे मैंने पूछा ये कौन है ? मुझे कहा गया कि ये सूद खोर है,*_
_*📕 मुसनद अहमद 5962 सहीह*_
_*इन सबके बावजूद अगर आप ब्याज से न बचो तो फिर आपका दुनिया और आख़िरत में कोई फायदा नही होने वाला है,अल्लाह हम सबको ब्याज के मामले से बचाए और अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करने वाला बनाए लिखने में कुछ कमी या ज़्यादती हुई हो तो अल्लाह मुझे माफ करे.!*_
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