Wednesday, September 26, 2018



_*हज़रत सय्यदना अमीर हमज़ा رضی اللہ عنہ*_
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*_आप हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम के चचा हैं, आप उम्र में हुज़ूर से 2 या 4 साल ही बड़े थे चुंकि हज़रते सोबिया रज़ियल्लाहु तआला अन्हा का आपने भी दूध पिया है और हुज़ूर ने भी सो इस तरह आप हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम के रज़ाई भाई भी हैं,आप हुज़ूर से बेहद मुहब्बत करते थे यही वजह है कि जब अबु जहल ने हुज़ूर को बुरा कहा और आपको सख्त अज़ीयत दी तो आप जोशे गज़ब में कमान लिए हुए अबु जहल के पास पहुंचे और उसके सर पर कमान से ऐसा मारा कि उसका सर फट गया हालांकि आप अब तक ईमान नहीं लाये थे, उसी के बाद आपने अलल ऐलान कल्मा पढ़ा और मुसलमान हो गए और दरबारे नुबूवत से आपको असदुर्रसूल यानि रसूल का शेर का खिताब मिला, 3 हिजरी में जंगे उहद में आपकी शहादत हुई और फरिश्तों ने आपको गुस्ल दिया, हज़रते अमीर मुआविया रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के दौर में जब नहरें खोदने का काम चल रहा था तो एक कुदाल आपके पैर में लगी और पैर फट गया तो ताज़ा खून जिस्म से बह निकला हालांकि आपको दफ्न हुए 46 साल गुज़र चुके थे, इसी तरह हज़रते फातिमा खाज़िया व शैख महमूद कर्दी जब आपकी क़ब्र की ज़ियारत को गए और सलाम पेश किया तो आपने बा आवाज़े बुलन्द उनको क़ब्र से ही जवाब दे दिया_*

_*📕 ज़रक़ानी, जिल्द 3, सफह 270*_
_*📕 हुज्जतुल्लाहि अलल आलमीन, जिल्द 2, सफह 863*_

_*जो क़ादिर होने के बावजूद गुनाह ना करे वो जन्नती है*_

*_एक मर्तबा खलीफा हारून रशीद और उनकी बीवी ज़ुबैदा खातून में किसी बात पर तकरार हो गयी और ज़ुबैदा खातून ने जलाल में खलीफा को जहन्नमी कह दिया खलीफा ने कहा कि अगर मैं जहन्नमी हूं तो तुझे तलाक़ है, चुंकि हारुन रशीद को अपनी बीवी से बेहद मुहब्बत थी सो वो बेचैन हो गए और उसका जवाब ढूंढ़ने लगे मगर कोई भी इसका जवाब नहीं दे सका क्योंकि कौन जन्नती है और कौन जहन्नमी इसका इल्म तो सिर्फ रब को है, दरबार लगा हुआ था कि अचानक एक छोटा लड़का खड़ा हुआ और बोला कि अगर आप कहें तो मैं इसका जवाब दे सकता हूं खलीफा ने हां कहा तो लड़का बोला कि आपको मेरी ज़रूरत है या मुझे आपकी तो खलीफा ने कहा कि यकीनन मुझे तुम्हारी ज़रूरत है तो लड़का बोला फिर ये कैसे हो सकता है कि मैं नीचे खड़ा होकर जवाब दूं और आप तख्त पर बैठकर सवाल पूछें लिहाज़ा आप नीचे आयें और मैं तख्त पर बैठता हूं, सब उसकी इस जुर्रत पर हैरान व शशदर थे मगर खलीफा इल्म की क़द्र करना जानते थे सो फौरन तख्त से नीचे उतर आये और लड़का तख्त पर बैठ गया, लड़का बोला कि आपके सवाल का जवाब देने से पहले मुझे इसका जवाब दीजिये कि क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप गुनाह करने पर क़ुदरत रखते हों और सिर्फ खुदा के डर से गुनाह ना किया हो तो खलीफा बोले कि खुदा की कसम ऐसा हुआ है कि मैंने क़ुदरत रखने के बावजूद गुनाह नहीं किया है तो लड़का बोला कि मैं फतवा देता हूं कि आप जन्नती हैं और आपका तलाक़ नहीं हुआ, दरबार के सारे उल्मा उससे दलील मांगने लगे तो लड़का बोला कि मौला तआला क़ुर्आन में इरशाद फरमाता है कि गुनाह का कस्द किया और फिर गुनाह ना किया तो उसका ठिकाना जन्नत है,! सब उस लड़के की ज़हानत पर वाह वाह करने लगे,वो लड़का और कोई नहीं हज़रत इमाम शाफई रज़ियल्लाहु तआला अन्हु थे_*

_*📕 तज़किरातुल औलिया, जिल्द 1, सफह 171*_
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