Monday, October 15, 2018



                         _*माँ के कदम*_
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_*💫एक रोज एक शख्स ने हजरते अबू इसहाक से जिक्र किया कि रात को ख्वाब मे मैने आपकी दाढी याकुत व जवाहीर से मुरस्सा जडी हुई देखी है अबू इसहाक फरमाने लगे तूने सच कहॉ रात मैने अपनी मॉ के कदम चूमे थे यह उसकी बरकत है और फिर एक हदीस सुनाई कि नबीए करीम सल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहे वसल्लम फरमाते है खुदा तआला ने लौहे महफुज पर यह लिख दिया है की मै खुदा हु मेरे सिवा कोई इबादत के लायक नही जिस शख्स के वालिदैन उस पर राजी होगे मै भी उस से राजी हु*_

_*📕 नुजहतूल मजालिस, बाब बिर्रुल वालिदैन, जिल्द 1, सफा 168*_

_*📝सबक:- नबीए करीम सल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहे वसल्लम का इरशाद है कि आखिर जमाना मे अक्का उम्मुहु व अताआ जौज तहू मिश्कात*_

_*आदमी मॉ का नाफरमान और बीवी का ताबेदार बन जाए इस किस्स के लोगो से मॉ के कदम चूमने की तवक्कू अबस है हॉ ऐसे लोग बीवीयो के कदम जरूर चूमते है मॉ के कदम चूमने की बरकत से हजरते इसहाक रजिअल्लाहु अन्हु की दाढी याकूत व जवाहिर से मुरस्सा हो गई*_

_*और आज कल मॉ इंसान नेक मॉ के कदमो की बरकत थी कि दाढ़ी के बालो से याकुत व जवाहिर जुड गए और यह माड्रन शौहर की माड्रन बीवी के कदमो की नुहूसत (मनहुसियत ) है कि दाढ़ी के बाल भी उड गए मैने माड्रन मसनवी मे लिखा है कि मर्द हो कर मर्द का चेहरा नही क्यो कि रूख पे रेश का सेहरा नही,*_

_*👑मस्लके आला हजरत -जिन्दाबाद 👑*_

_*🌹अल्लाह तआला हम तमाम मुसलमानो को अपने मॉ कि खिदमत करने कि तौफिक बख्से,,,, आमीन..!*_
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