Thursday, October 18, 2018



             _*"खड़े होकर पेशाब करना"*_
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_*हदीस- उम्मुल मुमिनीन सिद्दीक़ा रज़ि अल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं कि जो तुम से कहे कि हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम खड़े होकर पेशाब फरमाते उसे सच्चा न जानना, हुज़ूर पेशाब न फरमाते थे मगर बैठ कर !*_

_*📕 तिर्मिज़ी शरीफ़*_

_*✒हदीस- अमीरूल मुमिनीन फ़ारूक़े आज़म रज़ि अल्लाहु तआला अन्हू रिवायत करते है, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने मुझे खड़े होकर पेशाब करते देखा फरमाया- ऐ उमर! खड़े होकर पेशाब न करो, उस दिन से मैंने कभी खड़े हो कर पेशाब न किया !*_

_*📕 बैह़की शरीफ*_

_*✒हदीस- रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहे व सल्लम ने खड़े हो पेशाब करने से मना फरमाया !*_

_*📕 इब्ने माजा*_

_*✒हदीस- तीन बातें जफा व बेअदबी से हैं !*_

_*1- यह की आदमी खड़े हो कर पेशाब करे !*_
_*2- यह कि नमाज़ में अपनी पेशानी से(मिट्टी या पसीना) पोंछे !*_
_*3- यह कि सज्दा करते वक़्त फूंके !*_

_*📕 मुसनद बज़्ज़ार*_

_*👆🏼इन अहादीस से मालूम हुआ की खड़े होकर पेशाब करना इलशादाते रसूल की खिलाफ़ वर्ज़ी और हुक्मे शरअ से मुंह मोड़ना है !*_

_*📕 फतावा रज़्वीया, जिल्द 2, सफ़ा 146-147*_

_*"पेशाब के छींटे" 💦*_

_*📌कौम-ए-बनीइसराईल में पेशाब के अह़काम बड़े सख़्त थे ! उस कौम में अगर जिस्म के किसी हिस्से पर पेशाब के छींटे लगते तो जिस्म की उतनी चमड़ी काट कर निकाल दी जाती थी !*_

_*☝🏼अल्लाहु अकबर...*_

_*✒हदीस शरीफ़ में है कि क़ब्र में अक्सर अज़ाब पेशाब के छींटों से नही बचने के कारण होता है !*_

_*✍🏻...वो भाई बहन इस मसाइल से इबरत ले जो इस्तिंजा खाने में और दीग़र मकामात मे पेशाब के छींटों से नही बचते ! खासकर हमारे नौजवान जो बड़े ही चुस्त कपड़े पहनते है और इस्तिंजा के वक़्त खड़े-खड़े फारिग हो जाते है...!*_
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