Thursday, October 18, 2018



           _*बुज़ुर्गों की तस्वीरें घरों मै रखना*_
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_*💫आजकल बुज़ुर्गाने दीन की तस्वीरें और उनके फोटो घरों दुकानों में रखने का भी रिवाज हो गया है, यहां तक के बाअज़ लोग पीरों वलियों की तस्वीरें फ्रेम में लगाकर घरों में सजा लेते हैं और उन पर मालाएं डालते अगरबत्तीयां सुलगाते हैं। और कुछ जाहिल नाख्वानदे उनके सामने मुशरिकों, काफिरों, और बुत परस्तों की तरह हाथ बांधकर खड़े हो जाते हैं,, उन्हें चूमते और सजदे करते हैं। यह बातें सख्त तरीन हराम यहां तक के कुफ्र अंजाम हैं, बल्कि यह हाथ बांधकर तस्वीर के सामने खड़ा होना उन पर फूल और मालाएं डालना यह काफ़िरों का काम है।*_

_*"सय्यदि आला हज़रत मौलाना शाह अहमद रज़ा ख़ान साहब अलैहिर्रहमा इरशाद फरमाते हैं" अल्लाह अज़्ज़ा वजल इब्लीस के मक्र से पनाह दे, दुनिया मै बुत परस्ती की इब्तिदा यूं ही हुई,, कि अच्छे और नेक लोगों की मोहब्बत में उनकी तस्वीरें बनाकर घरों और मस्जिदों में तबर्रुकन रख लेते फिर धीरे-धीरे वही माअबूद हो गये।*_

_*📕 फ़तावा रिज़विया, जिल्द 10, निस्फ़ आख़िर, मतबूआ बीसलपुर, सफ़्हा 47*_

_*"बुख़ारी शरीफ़ और मुस्लिम शरीफ़ की हदीस मै है वुद, सुवाअ, यगूस, यऊक़, और नसर जो मुशरिकीन के माअबूद और उनके बुत थे जिनकी वह परस्तिश करते थे जिनका जिक्र क़ुरआन 'ए' करीम मै भी आया है यह सब क़ोम'ए नूह के नेक लोग थे, इनके विसाल हो जाने के बाअद क़ोम ने इनके मुजस्सिमे बनाकर अपनी नशिस्तगाहों में रख लिए, उस वक्त सिर्फ मोहब्बत में ऐसा किया गया था लेकिन बाअद के लोगों ने उनकी इबादत और परस्तिश शुरू कर दी। इस किस्म की अहादीस कसरत से कुतुब'ए अहादीस में आई हैं।*_

_*"एक हदीस'ए पाक में है के रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो तआला अलेहि वसल्लम ने फरमाया" क़यामत क़ाइम ना होगी जब तक मेरी उम्मत के कुछ क़बीले मुशरिकों से ना मिल जाएं, यहां तक कि मेरी उम्मत के कुछ गिरोह बुत परस्ती करने लगेंगे।*_

_*📕 मिश्कात, किताब'उल फ़ितन, सफ़्हा 465*_

_*''इस हदीस की शरह करते हुए मौलाना मुफ्ती अहमद यार ख़ान साहब नईमी मुरादाबादी फ़रमाते हैं हमने देखा बाअज़ लोग अपने पीरों के फ़ोटो को सजदे करते हैं, उन्हें चूमते, और उन्हें सजाकर रखते हैं, यह है इस हदीस का ज़ुहूर, और बाअज़ कलमा गो ताज़ियों को सजदा करते हैं, क़ब्रों को तो बहुत लोग सजदे करते हैं, बाअज़ लोग जिंदा पीरों को सजदे करते हैं, यह है बुत परस्ती। अल्लाह हमें अपनी पनाह मै रखे।*_

_*📕 मिरअतुल मनाजेह, जिल्द 7, सफ़्हा 219*_

_*📝"खुलासा यह कि तस्वीर फ़ोटो इस्लाम में हराम है, और पीरों, वलियों, अल्लाह वालों के फोटो और उनकी तस्वीरें और ज़्यादा हराम हैं। काफ़िरों इस्लाम के दुश्मन ताकतों की साज़िशें चल रही हैं, वह चाहते हैं कि तुमको अपनी तरह बनाएं और तुमसे कुफ्र कराएं, खुद भी जहन्नम में जाऐं और तुमको भी जहन्नम मै ले जाऐं।*_
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