Wednesday, October 10, 2018



                     _*इसलामी मालूमात*_
―――――――――――――――――――――

_*शराब पीने, ज़िनाह करने, चोरी करने या जुआ खेलते वक़्त बिस्मिल्लाह पढ़ना हराम है, और अगर जाएज़ समझे जब तो काफिर है*_

_*📕 फतावा आलमगीरी, जिल्द 2, सफह 286*_

_*ग़ुस्ल या वुजू के बग़ैर या नापाकी की हालत में नमाज़ पढ़ी, तो अगर नमाज़ की तहकीर की नियत है जब तो काफ़िर हो गया वरना हराम तो है ही*_

_*📕 बहारे शरियत, हिस्सा 2, सफ़ह 96*_

_*जो मुस्लमान किसी बातिल फिरके को पसंद करे, वो काफिर है*_

_*📕 अहकामे शरियत, हिस्सा 2, सफ़ह 163*_

_*युंहि जो हंसी मज़ाक मे कुफ़्र बकेगा काफ़िर हो जायेगा*_

_*📕 शामी, जिल्द 3, सफ़ह 293*_

_*कुछ बेबाक जाहिल उनसे जब दाढ़ी रखने को कहो तो "कल्ला सौफ़ा तालमून" पेश करते हैं और कहते हैं देखो क़ुरान मे कल्ला साफ करने को कहा गया है ये क़ुरान की तहरीफ़ है जो कि सरीह कुफ़्र है,*_

_*📕 अन्वारुल हदीस, सफ़ह 90*_

_*📍बग़ैर इल्म के ईमान बचाना ऐसा ही मुश्क्लि है जैसा कि किसी सिपाही का बग़ैर हथियार के जंग में अपनी जान बचाना, लिहाज़ा अपने ईमान की हिफाज़त करना चाहते हों तो इल्मे दीन हासिल करें..!*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

No comments:

Post a Comment

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...