_*जो लोग कहते हैं कुरआन की आयात Mobile से Dalete करना कयामत की निशानी है उनके लिए मुख्तसर सा जवाब*_
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_*दोस्तों अमल का दारोमदार नीयत पर है.*_
_*📕 सही बुखारी हदीस नं• 5070*_
_*अगर आप कोई आयात या दीनी मैसेज डिलीट करें तो आपकी नीयत गलत नहीं होनी चाहिऐ*_
_*पहली वजह*_
_*दोस्तों कलाम-ए-पाक को ना बदला जा सकता है ना मिटाया जा सकता है, क्योंकि इसकी हिफ़ाजत की जिम्मेदारी खुद अल्लाह ने अपने जिम्मे ली है*_
_*📕 सूर: हिज्र 9 पारा 14*_
_*दूसरी वजह*_
_*जब हमको मदरसे मे पढ़ाया जाता है तो ब्लैक बोर्ड पर कुरआन की आयतों को लिख कर समझाया जाता है फिर दूसरी आयत लिखने के लिऐ पहली आयत को मिटाया जाता है*_
_*इस हिसाब से मदरसो मे भी लिखना मिटाना होता है*_
_*तो क्या मदरसे भी बन्द कर देने चाहिए*_
_*तीसरी वजह*_
_*जब किसी मुसलमान के घर मे कलाम-ए-पाक पुराना जईफ़ ख़स्ता हाल मे होतो आप उसको नदी या कुएँ मे बहाते हैं*_
_*तब तो हम इस तरह भी कलाम-ए-पाक को मिटा रहे हैं*_
_*चौथी वजह*_
_*कुछ लोग कहते है कि हर मोबाइल पाक नही होता अच्छी बुरी हर तरह की चीज़ें मोबाइल में रहती हैं इसलिए कुरआन की आयातों को मोबाइल में नहीं रखना चाहिए*_
_*बेशक ये सही बात है मगर यही मसला तो हमारी ज़बान का भी है अपनी ज़बान से हम झूठ ग़ीबत चुगली गाली गलौंच करते है और उसी ज़बान से कुरआन-ए-पाक की तिलावत भी करते हैं*_
_*तो क्या ऐसी हालत मे अपनी गन्दी ज़बान कटवा दें या कुरआन की तिलावत अपनी ज़बान से ना करें दोस्तों ऐसा कहना बेवकूफ़ी है*_
_*भाईयो कुरआन की आयातों को मिटाने का मतलब ये नही कि तुम अपने हाथों से कुरआन लिखोगे और मिटाओगे*_
_*बल्कि कुरआन की आयातों को मिटाने का मतलब ये है कि तुम कुरआन को पढ़ोगे नही या पढ़ोगे भी तो उसपर अमल नही करोगे*_
_*अल्लाह हम सभी मुसलमान भाईयों को सही समझ अता फरमाऐ और सही गलत की पहचान करने की तौफ़ीक अता फरमाऐ*_
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