_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 11)*_
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*_हादी व मह्दी बना दे_*
_*हज़रते सय्यिदुना अ़ब्दुर्रह़मान बिन अबी अ़मीरह रदिअल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल ﷺ ने फरमाया:*_
_*📝तर्जुमा : ऐ अल्लाह इन्हें (यानी हज़रते अमीरे मुआविआ) को हादी (हिदायत देने वाला) और मह्दी (हिदायत याफ़्ता) बना दे और इनके ज़रिये से लोगों को हिदायत दे।*_
_*📕 तिर्मिजी किताबुल मनाकिब, बाबुल मनाकिब मुअाविया बिन्त अबु सूफीयान, हदीस नं.-3868 जिल्द 5 सफा नं.455*_
_*हज़रते शाह वलिय्युल्लाह मुहद्दिसे देहलवी रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं : अल्लाह के रसूल ﷺ ने सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहु अन्ह को हिदायत याफ़्ता और ज़रिअए हिदायत फ़रमाया क्यूंकि नबिये करीम ﷺ को मालूम था कि ये मुसलमानों के ख़लीफ़ा बनेंगे।*_
_*📕 इज़ालतूल खे़फा, मक़सद अव्वल, फस्ल 5, बयाने फितन, जिल्द 01, पेज नम्बर 527*_
*_📖 किताब व ह़़िक्मत सिखा दे_*
_*🌹हज़रते सय्यिदुना इ़रबाज़़ बिन सारिया रदिअल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि रसूलअल्लाह ﷺ ने अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की बारगाह में अ़र्ज़ की : ऐ अल्लाह! मुआविया को किताब का इ़ल्म और ह़िक्मत सिखा और इसे अज़ाब से बचा।*_
_*📕 मोअजमे कबीर,मुस्लिमा बिन मख़लद, जिल्द नम्बर 19, सफ़ा नं.439, हदीस नं.1066, जिसे मजमउज़ जँवाई, किताबुल मनाकिब*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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