_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 13)*_
―――――――――――――――――――――
*_✨इसे इ़ल्म व ह़िल्म से भर दे✨_*
_*🌹हज़रते सैय्यदना वहशी रदिअल्लाहु अन्ह फ़रमाते हैं :- एक बार हज़रते सैय्यदना अमीरे मुआविया रदिअल्लाहु अन्ह नबिये करीम ﷺ के साथ सवारी पर बैठे हुए थे। नबिये करीम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :- तुम्हारे जिस्म का कौन सा ह़िस्सा मेरे जिस्म से मस हो रहा है?*_
_*💫"हज़रते सैय्यदना अमीरे मुुआविया रदिअल्लाहु अन्ह ने अर्ज़ की :- मेरा पेट।"*_
_*🌹नबिये करीम ﷺ ने दुआ फ़रमाई :- ऐ अल्लाह इसे इ़ल्म व ह़िल्म से मा'मूर फ़रमा दे।*_
*_📕 ख़स़ाईसे कुबरा,ज़िक्रुल मोअजज़ात, फि इजाबतूद दाअवात, आख़िर तक, बाबो जामे मिन दाअवातेहि, आख़िर तक, जिल्द 02, पेज नम्बर 293_*
*_🔥आग के त़ौक़ की वई़द_*
_*🌹नबिये करीम, रऊफ़ुर्रहीम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :- ऐ मुआविया जो तेरी फ़ज़ीलत में शक करे वोह क़यामत के रोज यूं उठाया जाएगा कि उसके गले में आग का त़ौक़ होगा।*_
_*📕 तारीख़े इब्ने असाकिर, मोआविया बिन सख़र, जिल्द नम्बर 59, पेज नम्बर 90*_
_*✍🏻टीम: बज़्म-ए-नूरी, भोपाल*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment