_*फैज़ाने सैय्यदना अमीरे मुआविया (पार्ट- 14)*_
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_*👉🏻आज कल बहुत ज्यादा देखने और सुनने में आया है कि कुछ लोग डॉ. ताहिरुल पादरी, उनके कुछ चटुए-भटुए और अजमेर शरीफ के कुछ राफ्जी ख़ुद्दाम (कामरान चरसी) कह रहे हैं कि हज़रत अमीरे मुआविया के बारे में कभी किसी मोहद्दिसीन ने उनके मरातिब बयान नहीं किया है और मस्लके आला हजरत वाले जो हज़रत अमीरे मुआविया का अपनी मेहफ़िलों में जिक्र करते हैं ये लोग ख़ारजी है (माज़अल्लाह)।*_
_*इन लोगों की नज़र में मसलके आला हज़रत मसलके ख़ारजीयत का नाम है (माज़अल्लाह सुम्मा माज़अल्लाह) ये सब बातें डॉ. पादरी और राफ्जी ख़ुद्दाम कामरान ने अपने बयान में कहा है, आप लोग YOUTUBE पर इनका बयान सुन सकते हैं।*_
_*💡सच तो ये है कि येे लोग राफ्जियत की तरफ गालिब हो चुके हैं और सिर्फ़ मुहिब्बे अहलेे बैत में, सहाबिये रसूल की गुस्ताख़ी करते हैं, अलहम्दुलिल्लाह हम सुन्नी बरेलवी मुहिब्बे अहले बैत भी हैं और मुहिब्बे सहाबा भी है, हम अहले बैते अत़हर और बिलख़ुसुस हज़रत अली से भी मोहब्बत करते हैं और हम हज़रत अमीरे मुआविया से भी मोहब्बत करते हैं, अगर हज़रत अली पर उँगली उठाओगे तो हम उसका भी जवाब देना जानतेे हैं और बेशक हज़रत अली, मर्तबे में हज़रते अमीरे मुआविया से बहुत आला व अफ़ज़ल हैं और "उनके दरमियान में जो भी इख़्तिलाफात हुए उन्हें अल्लाह की मश्शियत समझ कर ज़बान बन्द रखी जाये" (सरकार गौसेे आज़म)।*_ _(रदिअल्लाहुअन्हु)_
_*🤲🏻अल्लाह एेसे राफ्जी बदअकीदा गुमराह लोगों से हमारी हिफाज़त फरमाये..... आमीन या रब्बुल आलमीन*_
_*📖किताबुल्लाह के अमीन 📖*_
*_🌹हज़रते सैय्यदना इब्ने अब्बास रदिअल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि एक दिन हज़रते सैय्यदना जिब्रीले अमीं अलैहिस्सलाम बारगाहे रिसालत में हाजिर हुए और अर्ज़ की :- या रसूलअल्लाह ﷺ अमीरे मुआविया को मेरा सलाम कहिए और उन से हुस्ने सुलूक फ़रमाइए क्यूंकी वोह किताबुल्लाह और वह्'ये इलाही पर अल्लाह के अमीन हैं और वो बहुत अच्छे अमीन हैं।_*
_*📕 मोअजमे अवसत, मिन ईस्मेही अली, जिल्द नम्बर 03, पेज नम्बर 73, हदीस नम्बर 3902, अलबेदाया वन नेहाया, सन साठ हिजरी।*_
_*✍🏻टीम: बज़्म-ए-नूरी, भोपाल*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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