Sunday, February 17, 2019



      _*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 01)*_
―――――――――――――――――――――

_*👉🏻आज से तक़रीबन 54 साल पहले सन् 1963 मे एक मर्दे मुजाहिद, हुज़ुर मुफ्तीए आज़म हिन्द के हुक्म से सरजमीने छत्तीसगढ़ पर आता है और फिर लगातार अपनी शब वो रोज़ की कोशीशों से एक तारीख बनाता है। लबों पर इल्मी मुस्कुराहट, चेहरे पर फारूक़ी जलाल और आँखों में रौशनीए ताबनाक मुस्तक़्बिल चमक और क़ल्बो ज़िगर में क़ौमी सरफर लिये कांकेर की सरजमीन पर क़दम रखता है और देखते ही देखते एक नई तारीख जन्म लेने लगती है।*_

_*और फिर उस की शब वो रोज़ की मेहनत, लगातार जद्दो जेहद और दिन रात की सई-ए-मुसलसल से हर तरफ इश्क़े रसूल की बादे बहारी रस्क करने लगती है, इल्म का उजाला फैलने लगता है..!*_

_*हज़रत सिब्तैन रज़ा खां हुज़ुर अमीने शरीअत अलैहिर्रहमा अपने मक़सद पर नज़र लगाए, फूलों की तरह, मुस्कूराते, कांटों से उलझते और मुश्किलात से खेलते मंज़िले मक़सूद की तरफ बढते रहे।*_

_*यहां तक की एक दिन ज़िंदगी का पैमाना लबरेज़ हो गया, मौत के पैग़ाम ने आप को दाएमी ज़िंदगी से जोड दिया..!*_

_*मगर जो इल्म वो इरफान का चिराग जला था वो मुसलसल हवाओं की ज़द पर जलता रहा। शहज़ादे हुज़ुर अमीने शरीअत हज़रत सलमान रज़ा ने आप के मिशन को नया रूप देकर "तहरीक-ए-अमीने शरीअत" की बुनियाद डाल कर मिल्लत की तरक़्की व खुशहाली के लिये एक ठोस मंसूबा तैय्यार किया  "तहरीक-ए-अमीने शरीअत" की शक्लो सूरत में दीन व सुन्नियत का एक मज़बूत मिशन घरों घर पहूंच रहा है..!*_

_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_

_*📮जारी रहेगा......*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━

1 comment:

Al Waziftul Karima 👇🏻👇🏻👇🏻 https://drive.google.com/file/d/1NeA-5FJcBIAjXdTqQB143zIWBbiNDy_e/view?usp=drivesdk 100 Waliye ke wazai...