_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 001)*_
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_*“अक़ाइद का बयान”*_
_*🕋अल्लाह तआला की ज़ात और उसकी सिफ़तों के बारे में अक़ीदे*_
_*अल्लाह एक है कोई उसका शरीक़ नही न जात में न सिफ़ात में न अफ़आल (कामों) में न अहकाम (हुक़्म देने) में न नामों में ! वह “वाजिबुल वजूद” है यानी (जिसका हर हाल में मौजूद रहना जरूरी हो) उसका अदम मुहाल है यानी किसी ज़माने में उसकी जात मौजूद न हो नामुमकिन है ! अल्लाह “क़दीम” और “अज़ली” है यानी हमेशा से है और “अबदी” भी है यानी वह हमेशा रहेगा उसे कभी मौत न आएगी ! अल्लाह तआला ही इस लायक है कि उसकी बन्दगी और इबादत की जाए !*_
_*अक़ीदा : अल्लाह तआला बेपरवाह है किसी का मोहताज नही और सारी दुनिया उसी की मोहताज है !*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 6*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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