_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 14)*_
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_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*अख़लाक व सीरत : हुज़ुर अमीने शरीअत की तकरीरें संजीदह हुआ करती थी, जिससे सामेइन पर महवीयत तारी हो जाती थी.! आपकी इख़लास भरी हिदायत ने मुसलमानो के दिलों मे गहरे इसरात मुरत्तीब किए.!*_
_*हुज़ुर अमीने शरीअत उन उलमाए केराम मे से हैं जिनके बारे मे इरशादे नबवी सलल्लाहो अलैह वसल्लम है के :*_
_*"बेशक अल्लाह तआला और उसके फरीश्ते और तमाम आसमान व जमीन वाले यहां तक के चिटीयां अपने सुराखो मे और मछलीयां दरीयाओं मे दुआए रहमत व मगफीरत भेजते रहते हैं उस इंसान पर जो लोगो को भलाई की बाते बताता रहता हो.!"*_
_*आपकी बेशुमार करामते हैं, जिसमे से आपकी सबसे बड़ी करामत क़ुरआने अज़ीम और सुन्नते रसुल सलल्लाहो अलैह वसल्लम की पैरवी है.!*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
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