_*तहरीक-ए-अमीने शरीअत (पार्ट- 16)*_
―――――――――――――――――――――
_*🌹हुज़ुर अमीने शरीअ़त अलैहिर्रहमा के मज़ामीन का एक हसीन गुलदस्ता..!*_
_*हज व ज्यारत : हुज़ुर अमीने शरीअ़त ने छ: (6) मरतबा हज व ज्यारते हरमैन शरीफैन से सरफराज़ हुए.!*_
_*शेरो-शायरी : आप एक बेहतरीन शायर थे.! आपकी शायरी इख़लासो मोहब्बत और इश्के रसुल मे डुबी हुई होती, आपको शेरो शायरी से काफी लगाव था और क्यो न हो.?*_
_*आपको शायरी अपने जद्दे करीम हज़रत उस्ताजे जमन अल्लामा हसन रज़ा खां और उनके बिरादर इमाम अहमद रज़ा खां आलाहज़रत अलैहीर्रहमा से विरासत मे मिली थी आप तख़ल्लुस सिब्तैन फरमाते थे.!*_
_*तबलीगे दीन मे मसरुफीयत की वजह से आपने बहुत कम शायरी की लेकीन जो भी कहा बहुत खुब कहा..!*_
*📕 مضامین امین شریعت*
_*✍🏻मुहम्मद जुनैद रज़ा अज़हरी*_
_*📮जारी रहेगा......*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment