_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 040)*_
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_*हमारे नबी की चन्द खुसूसियात।*_
_*☝🏻अक़ीदा :- हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) के अलावा दूसरे नबीयों को किसी एक खास कौम के लिए भेजा गया और हुजूर (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) तमाम मखलूक, इन्सानों, जिनों फरिश्तों हैवानात और जमादात सब के लिए भेजे गये। जिस तरह इन्सान के जिम्मे हुजूर की इताअत फर्ज और ज़रूरी है इसी तरह हर मखलूक पर हुजूर की फरमाँबरदारी फर्ज और जरूरी है।*_
_*☝🏻अक़ीदा - हुजूर अकदस (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) फरिश्ते, इन्सान, जिन्न, हुर गिलमान, हैवानात और जमादात गर्ज तमाम आलम के लिए रहत हैं और मुसलमानों पर तो बहुत ही मेहरबान हैं।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 19*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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