_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 058)*_
―――――――――――――――――――――
_*मलाइका (फ़िरिश्तों) का बयान*_
_*फिरिश्ते नूरी हैं। अल्लाह तआला ने उन को यह ताकत दी है कि जो शक्ल चाहे बन जाये फिरिश्ते कभी इन्सान की शक्ल बना लेते हैं और कभी दूसरी शक्ल में।*_
_*☝🏻अक़ीदा :- फिरिश्ते वही करते हैं जो अल्लाह का हुक्म होता है। फिरिश्ते अल्लाह के हुक्म के खिलाफ कुछ नहीं करते। न जान बूझ कर न भूले से और न गलती से। क्यूंकि वह अल्लाह के मासूम बन्दे हैं और हर तरह के सगीरा और कबीरा (छोटे-बडे) गुनाहों से पाक हैं।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 25*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
No comments:
Post a Comment