_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 088)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 23 ) हज़रते इमाम मेहदी का जाहिर होना : - हज़रते इमाम मेहदी रद़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु के जाहिर होने का वाक़िआ यह है कि दुनिया में जब सब जगह से इस्लाम सिमट कर मक्के मदीने में पहुँच जायेगा उस वक्त सारे अबदाल और औ़लिया हिजरत कर के वहीं पहुँच जायेंगे सारी ज़मीन कब्रिस्तान होगी रमज़ान शरीफ का महीना होगा अबदाल काबे का तवाफ़ करते होंगे हज़रते इमाम मेहदी भी वहीं होंगे औलिया उन्हें पहचान कर उनसे बैअ़त के लिए कहेंगे (वह इन्कार करेंगे) अचानक गै़ब से यह आवाज आयेगी कि*
*तर्जमा : - " यह अल्लाह के खलीफा मेहदी हैं इनकी बात सुनो और इनका हुक्म मानो*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 32*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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