_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 079)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 3 ) जिहालत बहुत बढ़ जायेगी मतलब दीन का इल्म रखने वाले बहुत कम हो जायेंगे*
*( 4 ) ज़िना की ज़्यादती होगी और बेहयाई और बेशर्मी इतनी बढ़ जायेंगी बड़े छोटे का अदब लिहाज खत्म हो जायेगा*
*( 5 ) मर्द कम होंगे और औरतें इतनी ज्यादा होंगी कि एक मर्द की मातहूती में पचास पचास औरतें होंगी*
*( 6 ) उस बड़े दज्जाल के अलावा तीस और दज्जाल होंगे और यह सब नुबुव्वत का दावा करेंगे जबकि नुबुव्वत खत्म हो चुकी है*
*उन नुबुव्वत के दावा करने वालों में से कुछ गुजर चुके हैं जैसे मुसलमा कज़्ज़ाब तलीहा इने खुवैलद असवद अंसी , सज्जाह ( एक औरत जो बाद में इस्लाम ले आई ) और गुलाम अहमद क़ादियानी के अलावा ज़ाहिर हेंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 30*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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