_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 080)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
☝️ *( 7 ) माल बहुत ज़्यादा हो जायेगा यहाँ तक कि फुरात की नदी में से सोने के पहाड़ निकलेंगे*
*( 8 ) अरब जैसे मुल्क में खेती बाग और नहरें हो जायेंगी*
*( 9 ) दीन पर काइम रहना इतना मुश्किल होगा जैसा कि मुठ्ठी में अंगारा लेना मुश्किल है यहाँ तक कि नेक और शरीफ आदमी कब्रिस्तान में जाकर तमन्ना करेगा कि काश मैं इस कब्र में होता*,
*( 10 ) वक्त में बरकत न होगी यहाँ तक कि एक साल महीने की तरह महीना हफ्ते की तरह हफ्ता दिन की तरह और दिन ऐसा हो जायेगा कि जैसा किसी चीज को आग लगी और जल्दी ही बुझ गई यानी बहुत जल्दी जल्दी वक़्त गुजरेगा*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 30 31*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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