_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 015)*_
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_*☝🏻अकीदा :- अल्लाह तआला के हर काम में हमारे लिए बहुत सी हिकमतें है.!*_
_*चाहे हम को मालूम हों या न हों और उसके काम के लिए कोई ग़र्ज़ नहीं क्यों कि ग़र्ज़ और गा़यत उस फायदे को कहते हैं जिसका तअल्लुक काम के करने वाले से हो और अल्लाह के काम किसी इल्लत और सबब के मुहताज नहीं अलबत्ता अल्लाह तआला ने कामों के लिए कुछ असबाब पैदा कर दिये हैं।*_
_*आँख के सबब से देखा जाता है कान के जरिये से सुना जाता है। आग जलाने का काम करती है और पानी के सबब से प्यास बुझाती है। लेकिन अगर अल्लाह चाहे तो भूख सुनने लगे कान देखने लगे पानी जलाने लगे और आग प्यास बुझाये। और न चाहे तो लाख आंखें हों दिन को भी पहाड़ नज़र नहीं आयेगा। और आग के अंगारे में तिनका भी बेदाग रहेगा।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 11*_
_*🖋तालिब-ए-दुआ : मुशाहिद रज़ा अज़हरी!*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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