_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 037)*_
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_*☝🏻अक़ीदा - तमाम नबी अल्लाह तआला की बारगाह में इज्जत वाले हैं। उनके बारे में यह कहना कि वह अल्लाह तआला के नजदीक चूड़े चमार की तरह हैं, कुफ़्र और बेअदबी है।*_
_*☝🏻अक़ीदा - नबी के नुबुवत के बारे में सच्चे होने की एक दलील यह है कि नबी अपनी सच्चाई का एलानिया दावा कर के वह चीजे जो आदत के एअ्तिबार से मुहाल हैं उन्हें जाहिर करने का जिम्मा लेता है और जो लोग नबी की नुबुवत और सदाकत का इन्कार करते हैं यह उन काफिरों को चैलेन्ज करते हैं कि अगर तुम में सच्चाई हो तो तुम भी ऐसा कर दिखाओ लेकिन सारे के सारे काफिर आजिज़ रह जाते हैं और नबी अपने दावे में कामयाब होकर आदत के एअ्तिबार से जो चीज मुहाल होती हैं उनको अल्लाह के हुक्म से जाहिर करता है और इसी को मोजिजा कहते हैं जैसे हजरते सालेह अलैहिस्सलाम की ऊँटनी, हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के असा (छड़ी) का साँप हो जाना, उनकी हथेली में चमक का पैदा होना और हजरते ईसा अलैहिस्सलाम का मुर्दो को जिलाना और पैदाइशी अन्धो और कोढियों को अच्छा कर देना। और हमारे हुजूर (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) के तो बहुत से मोजिजे हैं।*_
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 18*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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