_*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 096)*_
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*आखिरत और हश्र का बयान*
*☝️तर्जमा : - आज किस की बादशाहत है कहा हैं वह जाबिर और कहा है मुतकब्बिर मगर है कौन जो जवाब दे फिर खुद ही फरमायेगा कि*
*तर्जमा : - सिर्फ अल्लाह वाहिद कह़हार की सलतनत है*
*फिर जब अल्लाह तआ़ला चाहेगा इस्राफील अ़लैहिस्सलाम जिन्दा किये जायेंगे और सूर को पैदा करके दोबारा फुंकने का हुक्म देगा सूर फूंकते ही तमाम पहले और बाद वाले इन्सान , जिन्नात हैवानात फरिश्ते मौजूद हो जायेंगे । । सबसे पहले नबियों के सरदार , अल्लाह के महबूब , हम सब के आका व मौला हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपनी कब्र मुबारक से इस शान से निकलेंगे कि उनके दाहिने हाथ में पहले ख़लीफ़ा हज़रते अबूबक्र का हाथ और बायें हाथ में दूसरे खलीफा हज़रते उमर फारूक़ रद़िल्लाहु अ़न्हुमा का हाथ होगा फिर मक्का शरीफ और मदीना शरीफ की कब्रों में जितने मुसलमान दफ़न हैं सबको अपने साथ लेकर हश्र के मैदान में तशरीफ़ ले जायेंगे*
_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 34*_
_*📮जारी रहेगा.....*_
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