Monday, August 26, 2019



  _*बहारे शरीअत, हिस्सा- 01 (पोस्ट न. 068)*_
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_*☝🏻अक़ीदा :- यह अकीदा रखना कि रूह किसी दूसरे आदमी या किसी जानवर के बदन में चली जाती है बातिल और कुफ़्री अकीदा है। इस अकीदे को 'तनासुख और 'आवा गवन' का अकीदा कहते हैं या पुनर्जन्म भी कहते हैं। पुनर्जन्म को सच जानना कुफ़्र है।*_

_*☝🏻अक़ीदा - मौत का मतलब यह है कि रूह जिस्म से अलग हो जाए। इसका मतलब यह हरगिज़ नही कि रूह को मौत आ जाती है या रूह फना हो जाती है। अगर कोई रूह के लिए फना होना माने तो वह बदमजहब है।*_

_*📕 बहारे शरीअत, हिस्सा 1, सफा 27*_

_*📮जारी रहेगा.....*_
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